लखीमपुर खीरी: जिला अस्पताल में वार्ड बाॅय की कमी, खुद तीमारदार खींच रहे व्हीलचेयर और स्ट्रेचर

लखीमपुर खीरी : चिकित्सकों सहित कई मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे जिला अस्पताल में काफी समय से वार्ड बॉय की भी कमी है.इस कारण इलाज के लिए आने वाले मरीजों को तीमारदार ही चिकित्सकों के कक्ष से लेकर वार्ड तक कभी व्हीलचेयर तो कभी स्ट्रेचर से पहुंचा रहे हैं.इससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है.बता दें कि जिला अस्पताल में कुल 15 वार्ड बॉय हैं, जिनकी शिफ्टवाइज 8-8 घंटे की ड्यूटी लगाई जाती है.

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जिला अस्पताल चिकित्सकों की कमी से पहले ही जूझ रहा है। वहीं मरीजों का बढ़ता दबाव और वार्ड बॉय की संख्या कम होने की वजह से दिक्कतें और बढ़ गईं हैं.दरअसल, जिला अस्पताल के प्रथम तल पर डेंगू, सर्जिकल पुरुष, महिला, आंख, आईसीयू व एडीयू वार्ड हैं.दूसरी मंजिल पर पीकू, चिल्ड्रेन, एनआरसी, जनरल पुरुष, महिला, वृद्धजन, कैंसर वार्ड है.वहीं तीसरी मंजिल पर आयुष वार्ड, डीवीडी, लावारिस, बर्न, टीबी, प्राइवेट, आर्थों व त्वचा रोग का वार्ड है.

 

जिला अस्पताल की पड़ताल की गई तो कई मरीजों को उनके साथ आए तीमारदार ही व्हीलचेयर व स्ट्रेचर से वार्ड और चिकित्सकों के कक्ष तक पहुंचाते नजर आए. मरीजों की देखभाल व उनको वार्ड व चिकित्सकों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी जिन वार्ड बॉय की है, उनकी संख्या महज 15 है और उनकी ड्यूटी भी तीन शिफ्ट में लगाई जाती है। इसलिए आठ घंटे की शिफ्ट में महज पांच वार्ड बॉय ही काम कर रहे हैं.वार्ड बॉय की कमी से मरीजों को यहां दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

इतनी ओपीडी होती प्रतिदिन 

ओपीडी – 1200 मरीज

ओपीडी में गंभीर मरीज – 30

वार्ड में भर्ती मरीज – 100

वार्ड – 20

वार्ड बॉय की संख्या – 15

वार्ड बॉय होने चाहिए – 27

 

– डॉ. आरके कोली, सीएमएस, जिला अस्पताल ने बताया जिला अस्पताल में 15 वार्ड बॉय हैं, वह भी तीन शिफ्ट में ड्यूटी करते हैं.आउट सोर्स के माध्यम से वार्ड बॉय भर्ती की प्रक्रिया चल रही है, जो जल्द ही पूरी हो जाएगी.इसके बाद मरीजों को कोई परेशानी नहीं होगी.

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