लखीमपुर खीरी : गोला रोडवेज बस डिपो के बाबू की गोली मारकर हत्या करने के मामले में एडीजे प्रतिभा नारायण ने तीन हत्यारों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही प्रत्येक पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
अभियोजन पक्ष रखते हुए एडीजीसी रमेश मिश्र ने बताया कि गोला रोडवेज डिपो में हाजिरी बाबू नरेंद्र यादव गोला कस्बे के हफीजपुर में परिवार सहित किराए पर रहते थे. 10 जून 2007 की रात परिवार सहित सोए हुए थे, तभी रात करीब ढाई बजे रोडवेज डिपो में काम करने वाला निलेश अपने साथी अरविंद वर्मा और ओमप्रकाश के साथ छत पर चढ़ गया. धमकाने के दौरान निलेश ने अपने तमंचे से नरेंद्र के सिर व माथे पर गोली मार दी. यह लोग छत से कूदकर भाग गए.
उसी रात घायल हालात में नरेंद्र को उसके भाई जितेंद्र और पत्नी उषा देवी गोला कोतवाली लेकर गए थे. हालत नाजुक देख कर गोला से डॉक्टरों ने उसे लखीमपुर भेजा था. बाद में ट्रामा सेंटर केजीएमयू और लखनऊ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. यहां इलाज के दौरान 18 जून को नरेंद्र की मौत हो गई थी. तब मुकदमा हत्या की धारा में तब्दील हुआ था.
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि निलेश, अरविंद और ओमप्रकाश वर्कशॉप में काम करते थे. वहां नरेंद्र हाजिरी बाबू थे. गैर हाजिरी लगाने को लेकर कई बार कहा सुनी भी हुई थी. तफ्तीश के दौरान निलेश को उसी तमंचे के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिससे नरेंद्र को गोली मारी गई थी.
एडीजे प्रतिभा नारायण ने पूरनपुर पीलीभीत के मूल निवासी निलेश जो मोहल्ला ऊंची भूड़ में किराए पर कमरा लेकर निवास करता था, और उसके साथी अरविंद निवासी नूरपुर बिजनौर तथा ओमप्रकाश निवासी बह्मप्रकाश बदायूं को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही प्रत्येक पर 25-25 हजार का जुर्माना लगाया है. निलेश पर तमंचा रखने के कारण एक हजार अलग से जुर्माना लगाया गया है.