लखीमपुर खीरी : तीन साल पहले मां-बाप की मौत, दादी भी चल बसीं, घर में नहीं है राशन… तीन बच्चों की ईद फीकी

लखीमपुर खीरी : रमियाबेहड़ ब्लॉक के गांव इंदिरानगर निवासी तीन भाई-बहन आसमीन, शकीना, शेर मोहम्मद की कहानी दिल झकझोर देगी. तीन साल पहले इनके मां-बाप की मौत हो गई. छह माह पहले दादी भी चल बसीं, जिससे अब उन्हें सरकारी राशन भी नहीं मिल रहा है. तीनों बच्चे भीख मांगकर अपना भरण पोषण कर रहे हैं.

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अदम गोंडवी की पंक्तियां ‘तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है…मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है’ लखीमपुर खीरी के गांव इंदिरानगर के तीन बच्चों की परिस्थितियों पर सटीक बैठती हैं. पहले मां-बाप और फिर दादी का साया उठ जाने के बाद तीन बच्चे आसमीन, शकीना, शेर मोहम्मद भीख मांगकर जीवन यापन करने को मजबूर हैं.

 

करीब चार साल पहले इन बच्चों के पिता रहीश उर्फ कोयले (40) और माता रेशमा (38) की मौत हो गई थी. मां-बाप का साया उठने के बाद दादी जुमा बानो (70 वर्ष) ही एक मात्र सहारा थीं. दादी जैसे-तैसे करके बच्चों का पालन पोषण करती थीं. बताया जा रहा है कि दादी जुमा बानो के नाम अंत्योदय कार्ड था, जिससे हर महीना कोटे की दुकान से 35 किलो राशन मिल जाया करता था. सभी बच्चे दादी को मिले आवास में रहते हैं, जो अब जर्जर हो चुका है.

छह महीने पहले उनका भी निधन हो गया. दादी के निधन के बाद तीनों बच्चों के सामने रोजी रोटी का संकट आ गया. बच्चों में बड़ी बहन आसमीन बानो (13 वर्ष), शकीना (11 वर्ष) और छोटा भाई शेर मोहम्मद (10 वर्ष) शामिल हैं. फिलहाल दो दिनों के बाद ईद का पर्व है. तीनों अनाथ बच्चों की ईद कैसे मनेगी, यह अहम सवाल है.

 

कोटेदार ने राशन देने से किया मना 

आसमीन के मुताबिक, राशन के लिए दादी का कार्ड लेकर कोटेदार के पास गई थी। वहां कोटेदार ने दादी का निधन हो जाने की बात कह कर राशन देने से मना कर दिया. इसके बाद से आसमीन और छोटी बहन शकीना को भीख तक मांगनी पड़ी. अनाथ बच्चे स्थानीय प्रशासन और जिला स्तरीय अधिकारियों से उम्मीद की आस लगाए हैं कि एक दिन कोई साहब आएंगे और मदद करेंगे.

 

खंड विकास अधिकारी ने लिया संज्ञान 

रमियाबेहड़ ब्लॉक की बीडीओ श्रद्धा गुप्ता ने कहा कि अनाथ बच्चों के लिए सरकार द्वारा स्कीम चलाई जा रही है, संज्ञान में नहीं था. सचिव को भेजकर जांच करवाई जाएगी, बच्चों की हरसंभव मदद की जाएगी.

 

क्या बोली जिला अधिकारी  

जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि स्थानीय प्रशासन से जानकारी कराकर अनाथ हुए तीनों बच्चों को जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जाएगी. उन्हें शासन की ओर से मिलने वाली सारी सुविधाएं दिलाई जाएंगी.

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