लखीसराय : लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड में पटेलपुर रूईया पट्टी घाट पर जितिया महापर्व की शुरुआत शनिवार सुबह धूमधाम से हुई. व्रती महिलाएं सुबह-सुबह गंगा स्नान के लिए घाट पर पहुंचीं. स्नान के बाद उन्होंने निर्जला उपवास का संकल्प लिया, जो संतान की लंबी उम्र, सुख और समृद्धि के लिए रखा जाता है.
क्षेत्र की अन्य नदियों और तालाबों पर भी महिलाएं स्नान करने के लिए पहुँचीं. हालांकि जलस्तर अधिक होने के कारण स्नान में जोखिम था, लेकिन मातृत्व प्रेम के आगे यह खतरा नगण्य नजर आया. घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ थी, पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम नहीं दिखे.जितिया पर्व की पौराणिक कथा राजकुमार जीमूतवाहन से जुड़ी है. कहा जाता है कि उन्होंने नागकुमार की रक्षा के लिए गरुड़ के सामने अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे. तभी से यह व्रत संतान की रक्षा के लिए मनाया जाता है.
अश्विन मास की अष्टमी को माताएं स्नान कर निर्जला व्रत का संकल्प लेती हैं. दूसरे दिन बिना भोजन और पानी के जीमूतवाहन की पूजा की जाती है. नवमी को स्नान और पूजा के बाद व्रत खोला जाता है.व्रत के दौरान महिलाएं एक साथ कथा सुनती हैं, भजन-गीत गाकर संतान की सलामती की कामना करती हैं. मान्यता है कि इस व्रत से संतान पर आने वाले संकट दूर होते हैं. जितिया महापर्व मातृ शक्ति, विश्वास और त्याग का प्रतीक बनकर क्षेत्र में मनाया जा रहा है.