शराब घोटाले की पड़ताल के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भ्रष्टाचार के लिए सबसे पहले 2019 में आबकारी नीति-2017 को ही बदल दिया। इससे उन्हें सीधा लाभ मिला। उन्होंने आईएएस अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर के साथ मिलकर सिंडीकेट बनाया।
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इस सिंडीकेट को चलाने के लिए इंडियन टेलीकॉम सर्विस के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी को प्रतिनियुक्ति पर आबकारी में लाए। उसके बाद अपने मंसूबे अंजाम दिए। सिंडीकेट ने 4 साल में 2161 करोड़ रुपए का घोटाला किया है
प्रति पेटी ऐसे कमीशन
- अनिल टुटेजा- 150 रुपए
- अनवर ढेबर 150 रुपए
- विकास अग्रवाल 75 रु.
- बीएसपी कर्मी अरविंद सिंह- 75 रुपए
- हर जिले के आबकारी अधिकारी- 150 रुपए
- सीएसएमसीएल 150 रुपए
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