लाखों की नकदी, सैकड़ों पासबुक और नोट गिनने वाली मशीन… डार्क वेब के जरिए साइबर फ्रॉड करता था ये गैंग

बिहार के मोतिहारी में साइबर थाना पुलिस ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात ‘बॉस गैंग’ पर शिकंजा कसा है. इस बार पुलिस ने गैंग के मास्टरमाइंड समेत दो अन्य साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. इस गिरोह के सदस्य लोगों को डार्क वेब और फर्जी ‘डिजिटल अरेस्ट’ के जरिए डराकर मोटी रकम की वसूली करते थे.

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पुलिस ने छापेमारी के दौरान 10 लाख 30 हजार रुपये कैश, नोट गिनने की मशीन, दर्जनों बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड, चेक बुक, पैन कार्ड, एक रायफल, एक पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए हैं. गिरफ्तार आरोपियों में एसएसबी की 47वीं बटालियन का हवलदार पंकज पांडे भी शामिल है.

साइबर डीएसपी अभिनव परासर ने बताया कि बीते दिनों साइबर थाना में केस दर्ज हुआ था, जिसके बाद से पुलिस लगातार गिरोह से जुड़े लोगों की तलाश में जुटी थी. तीन दिन पहले गिरोह के तीसरे मास्टरमाइंड सुरेश प्रसाद की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को अहम सुराग मिले थे. इन्हीं इनपुट्स के आधार पर जावेद, दयाशंकर और अविनेश के दुकानों व ठिकानों पर छापेमारी की गई.

इस दौरान जावेद और पंकज पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि दयाशंकर और अविनेश अब भी फरार हैं. बताया गया कि तीनों की अपनी दुकान है, जहां से वे साइबर ठगी को अंजाम देते थे. जांच में यह भी सामने आया कि हवलदार पंकज पांडे और दयाशंकर पांडे के बीच USDT (क्रिप्टोकरेंसी) का लेनदेन भी होता था.

पुलिस ने यह भी बताया कि ‘बॉस गैंग’ पहले भी करीब 30 लाख की ठगी के मामले में पकड़ा जा चुका है. फिलहाल फरार आरोपियों की तलाश जारी है और गैंग के नेटवर्क को खंगाला जा रहा है. यह गिरोह अब तक दर्जनों लोगों को चूना लगाकर करोड़ों की ठगी कर चुका है. पुलिस की कार्रवाई से इलाके में साइबर ठगों में हड़कंप मचा है.

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