बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सियासी माहौल गरमा गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अररिया में आयोजित जनसभा के दौरान विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और लालू यादव का मकसद सिर्फ अपनी-अपनी पार्टी को जिताना और लालू यादव के बेटे को मुख्यमंत्री बनाना है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए यह चुनाव बिहार को घुसपैठियों से मुक्त कराने का है।
अमित शाह ने कांग्रेस और राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि “लालू एंड कंपनी ने बिहार को लूटा, घोटाले किए, वहीं कांग्रेस ने भी देश को लूटने का काम किया। कांग्रेस ने 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले किए। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 सालों के कार्यकाल में विरोधी चार आने का भी भ्रष्टाचार साबित नहीं कर पाए। हमारी सरकार ने पारदर्शिता के साथ काम किया है।”
सभा के दौरान उन्होंने राहुल गांधी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि राहुल बाबा चाहते हैं कि चुनाव आयोग जिन घुसपैठियों को मतदाता सूची से बाहर कर रहा है, उन्हें मताधिकार मिले। उन्होंने सवाल किया कि क्या सीमांचल की जनता इस बात को बर्दाश्त करेगी? अमित शाह ने जनता से पूछा कि क्या आप सभी का वोट कटा है? और खुद ही जवाब दिया कि ऐसा कभी नहीं हो सकता।
भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि यह चुनाव केवल सत्ता हासिल करने का नहीं बल्कि बिहार की पवित्र धरती से घुसपैठियों को बाहर निकालने का है। उन्होंने वादा किया कि अगर एनडीए को दो-तिहाई बहुमत मिलता है तो भाजपा बिहार से घुसपैठियों को बाहर निकाल देगी।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने जानकारी दी कि अमित शाह लगातार चुनावी रणनीति पर बैठकें कर रहे हैं। पिछले 10 दिनों में यह उनका दूसरा बिहार दौरा है। इससे पहले वे पश्चिम चंपारण के बेतिया में बैठक कर चुके हैं और अब समस्तीपुर व अररिया जिलों का दौरा कर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा रहे हैं।
अमित शाह के इन बयानों से स्पष्ट है कि भाजपा इस बार भी सीमांचल और घुसपैठ के मुद्दे को चुनावी हथियार बना रही है। वहीं विपक्ष इसे भाजपा की सियासी रणनीति और ध्रुवीकरण की राजनीति बता रहा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा किस तरह चुनावी समीकरणों को प्रभावित करेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।