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अयोध्या में 7 साल बाद लैंड सर्किल रेट बढ़ने वाला है, 50 से 200% तक बढ़ सकते हैं दाम

सात साल के अंतराल के बाद अयोध्या में जमीन के सर्किल रेट में बढ़ोतरी होने जा रही है. इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक गुरुवार को जिला मजिस्ट्रेट ने प्रस्तावित सर्किल रेट की सूची जारी की और लोगों से फीडबैक मांगा है. जानकारी के मुताबिक प्रस्तावित दरें अगस्त 2017 से लागू मौजूदा दरों से 50 से 200 फीसदी तक अधिक हैं. फीडबैक जमा करने की अंतिम तारीख 4 सितंबर है. इसके बाद दरों को अंतिम रूप देकर अधिसूचित किया जाएगा.

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अयोध्या में सर्किल रेट को पिछले सात साल तक संशोधित नहीं किया गया था. इन वर्षों में भूमि के लेनदेन में उछाल आया. क्योंकि 2019 में सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर निर्माण के आदेश के बाद जमीनों का दाम तेजी से बढ़ गया था.

जिला कलेक्टर के पास है जमीनों के मूल्य निर्धारण का अधिकार

उत्तर प्रदेश स्टाम्प (संशोधन) अधिनियम, 1997 को 2015 में संशोधित किया गया था. जिसमें कहा गया है कि जिला कलेक्टर, जहां तक ​​संभव हो, प्रत्येक अगस्त माह में कृषि/गैर-कृषि भूमि और अन्य अचल संपत्तियों का न्यूनतम मूल्य रुपये प्रति वर्ग मीटर निर्धारित करेंगे. जिसमें भूमि का उपयोग, सिंचाई सुविधाएं, सड़क, बाजार, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, कारखानों, शैक्षिक संस्थानों, अस्पतालों और सरकारी कार्यालयों से दूरी, शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों के भीतर इसका स्थान व विकसित एरिया से दूरी जैसी अन्य संभावनाएं शामिल होंगी. ऐसे में दावा किया जा रहा है कि अयोध्या के कुछ क्षेत्रों में प्रस्तावित दर में 200 प्रतिशत की वृद्धि होगी.

अयोध्या में इससे पहले 2017 में संशोधित किया गया था सर्किल रेट

अयोध्या उत्तर प्रदेश के उन 54 जिलों में से है, जहां सर्किल रेट को आखिरी बार 2017 में संशोधित किया गया था. वहीं, 21 जिलों में सर्किल रेट 2023 में संशोधित किया गया था. 2023 में अयोध्या से सटे जिलों जैसे बाराबंकी, अंबेडकर नगर, गोंडा और बस्ती और सुल्तानपुर में भी दरों में संशोधन किया गया था.

क्या है सर्किल रेट

सर्किल रेट जिला प्रशासन द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में भूमि के मूल्य का आकलन है. इसी आकलन के आधार पर बिक्री या खरीद पर स्टांप शुल्क तय किया जाता है और इसी आधार पर प्रशासन किसानों सहित भूमि मालिकों से संपत्ति का अधिग्रहण करता है.

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