हरिद्वार में भूस्खलन… मनसा देवी पहाड़ी का हिस्सा गिरा, मलबे से भीमगोड़ा रेलवे ट्रैक पर यातायात ठप

उत्तराखंड में तबाही मची हुई है. आए दिन भारी बारिश के चलते भूस्खलन, बाढ़, बादल फटने जैसी घटनाएं घट रही हैं. इससे कई लोगों की अब तक जान जा चुकी है. अब हरिद्वार से भूस्खलन की घटना सामने आई है. हरिद्वार की काली मंदिर के पास मनसा देवी पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा अचानक ढह गया, जहां काली मंदिर के पास भीमगोड़ा रेलवे ट्रैक पर मलबा गिरने से देहरादून-हरिद्वार रेल मार्ग पूरी तरह से ठप हो गया.

Advertisement1

पहाड़ी का हिस्सा गिरने से मिट्टी और चट्टानों का तेज बहाव भीमगोड़ा रेलवे सुरंग के पास रेलवे ट्रैक पर जमा हो गया है. मलबे की इतनी भारी चपेट में रेलवे ट्रैक पर लगे लोहे के सुरक्षा जाल भी क्षतिग्रस्त हो गए. इस घटना से ट्रेनों का आवागमन ठप हो गया और इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले भी इसी स्थान पर पहाड़ी का बड़ा हिस्सा गिरा था.

मलबा हटाने का काम शुरू

घटना की जानकारी स्थानीय प्रशासन को दे दी गई है. हालांकि, राहत की बात ये रही कि इस घटना में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई.मौके पर पहुंची टीमों ने ट्रैक पर पड़े मलबे को हटाने और क्षतिग्रस्त हिस्सों का आकलन करने का काम शुरू कर दिया है. फिलहाल रेल यातायात पूरी तरह से ठप है और कई ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर रोक दिया गया है. ऐसे में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

 

लोगों में दहशत का माहौल

कुछ दिन पहले भी इसी पहाड़ी का एक हिस्सा खिसककर नीचे गिरा था, जिससे स्थानीय लोगों में पहले से ही दहशत का माहौल बना हुआ था. लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए प्रशासन पहले ही अलर्ट पर था, लेकिन अचानक ये हादसा हो गया.विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून के दौरान पहाड़ों में पानी के लगातार रिसाव और कंपन की वजह से मिट्टी ढीली हो जाती है, जिसके कारण भूस्खलन की घटनाएं आम हो जाती हैं. हरिद्वार जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों में इस तरह की घटनाएं यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए खतरा साबित हो सकती हैं.

 

रेलवे ट्रैक सही होने में लगेगा समय

रेलवे विभाग ने फिलहाल मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन ट्रैक पूरी तरह से दुरुस्त होने में समय लग सकता है. अनुमान लगाया जा रहा है कि मलबा हटाने और सुरंग के साथ ट्रैक की मरम्मत होने तक रेल सेवाएं कई घंटों या हो सकता है कि एक-दो दिन तक बाधित रहें. स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे धैर्य बनाए रखें और रेलवे से मिलने वाली आधिकारिक जानकारी पर ही भरोसा करें.

Advertisements
Advertisement