रामनगरी अयोध्या : की पवित्रता और गरिमा पर इन दिनों सोशल मीडिया के “रीलबाजों” की करतूतें सवाल खड़े कर रही हैं. अयोध्या के प्रतिष्ठित लता मंगेशकर चौक पर इन दिनों रील बनाने वालों की भीड़ उमड़ रही है. लेकिन चिंता की बात ये है कि ये रीलबाज मर्यादा और संस्कृति की सीमाएं लांघते हुए अभद्र और अश्लील डांस कर रहे हैं, जो कि इस धार्मिक नगरी की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं.
हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला लता चौक पर अशोभनीय डांस करती नजर आ रही है। वीडियो में महिला के हाव-भाव और कपड़े भी बेहद आपत्तिजनक बताए जा रहे हैं. यह वीडियो वायरल होते ही लोगों में आक्रोश फैल गया है. कई स्थानीय नागरिकों और संत समाज ने इस प्रकार की हरकतों पर कड़ी आपत्ति जताई है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है.
लता चौक की धार्मिक महत्ता पर चोट
लता मंगेशकर चौक को रामनगरी की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत से जोड़कर देखा जाता है। सुप्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर के नाम पर बना यह स्थल, अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है. लेकिन अब यह स्थान सोशल मीडिया की सनक में डूबे कुछ युवाओं के लिए मनोरंजन और लाइक-कमेंट्स बटोरने का ज़रिया बनता जा रहा है.
स्थानीय लोग और संत समाज नाराज़
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह चौक भगवान श्रीराम की नगरी में स्थित है, जहां मर्यादा और शालीनता का पालन करना चाहिए। लेकिन कुछ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और रीलबाज, सस्ती लोकप्रियता पाने के चक्कर में धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को ‘स्टूडियो’ बना रहे हैं.
प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि चौक पर लगातार कैमरे और मोबाइल लेकर युवाओं की भीड़ जमा होती है, लेकिन न तो कोई निगरानी है और न ही कोई दिशा-निर्देश.
क्या होगा समाधान?
स्थानीय सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि लता चौक जैसे पवित्र स्थलों पर रील बनाने पर नियमित निगरानी और पाबंदी लगाई जाए। इसके साथ ही ऐसे स्थलों पर CCTV कैमरे और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती भी की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके.
रामनगरी अयोध्या की मर्यादा और संस्कृति को बचाने की जिम्मेदारी सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि आम नागरिकों की भी है। सोशल मीडिया पर कुछ पलों की प्रसिद्धि पाने के लिए अगर हमारी संस्कृति को ही दांव पर लगा दिया जाए, तो यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है.
लता चौक की गरिमा को बनाए रखने के लिए अब समय आ गया है कि ठोस कदम उठाए जाएं और इस पवित्र स्थल को रीलबाजों की अशोभनीय गतिविधियों से मुक्त कराया जाए.