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बिजनौर में हाफ एनकाउंटर! कॉमेडियन सुनील पाल अपहरण कांड का मुख्य आरोपी लवी पाल मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार

कॉमेडियन सुनील पाल और फिल्म अभिनेता मुस्ताक खान को किडनैप करने वाली गैंग के मुख्य सरगना लवी पाल को बिजनौर पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. इस अपहरण कांड के मुख्य आरोपी लवी पाल पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था. उसकी तलाश में पुलिस उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक अलग-अलग जगहों पर छापे मार रही थी.

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रविवार की देर रात बिजनौर पुलिस की एक टीम का इस गैंग के सरगना लवी पाल से सामना हो गया और फिर मुठभेड़ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. लवी पाल मंडावर रोड स्थित जैन फार्म में अपने मौसेरे भाई शुभम को साथ लेकर किसी से मिलने के लिए आया था, उसके बिजनौर आने की सूचना पर पुलिस ने जैन फार्म की घेराबंदी करते हुए लवीपाल को घेर लिया. लवी पाल ने पुलिस को देखते ही अपने साथ लाए तमंचे से फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें एक गोली बिजनौर कोतवाली के प्रभारी उदय प्रताप की बुलेट प्रूफ जैकेट में जाकर फंस गई.

इसके बाद आत्मरक्षा में पुलिस द्वारा चलाई गई एक गोली लवी पाल के पैर में लगी जिससे वह घायल हो गया. अंधेरे का फायदा उठाकर उसका मौसेरा भाई शुभम फरार हो गया. पुलिस ने उसकी तलाश में भी कई स्थानों पर छापेमारी की लेकिन फिलहाल वह फरार होने में कामयाब हो गया. जबकि घायल लवी पाल को पुलिस ने इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया है.

मुस्ताक खान के खाते से निकाले गए पैसे बरामद

पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से एक .315 बोर का तमंचा, दो जिंदा और तीन खोखा कारतूस के साथ-साथ फिल्म अभिनेता मुस्ताक खान के खाते से निकाले गए 2,20,000 रुपये में से 35,050 रुपये रवि पाल के पास से बरामद किए हैं, जबकि पहले जेल भेजे गए छह आरोपियों से पुलिस 1,25,000 रुपये बरामद कर चुकी है.

एसपी ने मुठभेड़ के बारे में क्या बताया?

एसपी अभिषेक झा के अनुसार, लवी पाल के खिलाफ बिजनौर और मेरठ के अंदर इवेंट के नाम पर बुलाकर फिल्मी हस्तियों का अपहरण कर बंधक बनाने के अलग-अलग मुकदमे दर्ज थे. मुस्ताक खान का अपहरण कर बिजनौर में बंधक बनाने के मामले में बिजनौर पुलिस पहले ही इस गैंग के 6 सदस्य सार्थक चौधरी उर्फ रिक्की, साबिउद्दीन, अजीम, शशांक, शिवा और आकाश उर्फ गोला को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. इस घटना को अंजाम देने के बाद 2 दिसंबर से गैंग का मुख्य सरगना लवी फरार चल रहा था बिजनौर और मेरठ पुलिस द्वारा अलग-अलग 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था और तभी से उसकी तलाश में लगातार पुलिस की टीम में दबिश दे रही थी.

कैसे पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी?

लवी देर रात बिजनौर में अपने मौसेरे भाई शुभम को साथ लेकर फॉर्म के ट्यूबवेल पर किसी से मिलने आया था. इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने घेराबंदी की और उसके बाद उसके द्वारा चलाई गई गोली थाना प्रभारी उदय प्रताप की बुलेट प्रूफ जैकेट में फंस गई जिससे वह बाल बाल बच गए. इसके बाद पुलिस द्वारा चलाई गई गोली लवी के पैर में लगी इसके बाद वह घायल हो गया. इस दौरान उसका मौसेरा भाई शुभम अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया. उसकी भी तलाश की जा रही है.

उत्तराखंड के जंगलों में छिपा हुआ था लवी पाल

उधर पुलिस सूत्रों की मानें तो लवी फरारी के दौरान अपने खास गुर्गे आकाश उर्फ गोला और अपने मौसेरे भाई शुभम के साथ घटना को अंजाम देने के बाद कुछ दिन मेरठ में रहा. वहां से दिल्ली और फिर उसने अपना ठिकाना उत्तराखंड को बना लिया था, जहां पर वह लगातार रोज अपने ठिकाने बदल रहा था. जबकि पुलिस भी लगातार उसके पीछे लगी थी. आकाश उर्फ गोला को मुठभेड़ के बाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने पर और सतर्क हो गया और उसने फिर उत्तराखंड के जंगलों का रुख किया और तभी से डर के कारण वह कुछ समय तक अपने भाई के साथ जंगलों में रहा और लगातार अपनी लोकेशन बदलता रहा, लेकिन देर रात बिजनौर आने पर वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया, जबकि उसका भाई शुभम फरार हो गया. जबकि अपहरण कांड में अभी आरोपी अंकित पहाड़ी भी फरार है उसकी भी पुलिस पूरी सरगर्मी के साथ तलाश कर रही है.

 

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