पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला ने अपने छोटे करियर में ही बड़ा नाम कमाया है. मगर साल 2022 में उनकी गोलियों से भुनकर हत्या कर दी गई. इसके बाद से ही उनके फैंस इस सदमे से निकल नहीं पाए हैं और सिंगर के कातिलों को सजा दिलाने के लिए मुखर रहते हैं. वहीं इसी बीच सिद्धू मूसेवाला पर एक डॉक्युमेंट्री आई है. इस डॉक्युमेंट्री में कई सारे खुलासे किए गए हैं. इसी डॉक्युमेंट्री को लेकर सिद्धू मूसेवाला के पिता ने ये गुजारिश की थी कि इसकी रिलीज को रोकना चाहिए. इससे मूसेवाला के केस पर नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ सकता है. लेकिन उनकी गुजारिश को नजरअंदाज करते हुए अब डॉक्युमेंट्री जारी कर दी गई है. इसमें पता चल गया है कि आखिर मूसेवाला को गोल्डी बराड़ ने क्यों मारा था.
बीबीसी ने मंगलवार, 10 जून को ‘द किलिंग कॉल’ के नाम से यूट्यूब पर सिद्धू मूसेवाला की डॉक्युमेंट्री 2 पार्ट्स में जारी की है. पहले ये डॉक्युमेंट्री सिद्धू मूसेवाला की बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर मुंबई में रिलीज की जानी थी लेकिन हालिया कॉन्ट्रोवर्सी को देखते हुए इसे एक दिन पहले ही बीबीसी ने यूट्यूब पर रिलीज कर दिया. इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. मूसेवाला की मौत क दावा करने वाले गैंग्सटर गोल्डी बराड़ ने बताया है कि आखिर उन्होंने सिद्धू मूसेवाला को किन गलतियों की वजह से मौत के घाट उतारा. इस दौरान 2 ऐसी गलतियों का उल्लेख गोल्डी बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला के बारे में किया है जिसे वे मूसेवाला की हत्या की बड़ी वजह मानते हैं
सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करने को लेकर गोल्डी बराड़ ने कहा- ‘घमंड में सिद्धू मूसेवाला ने कुछ ऐसी गलतियां की जिन्हें कभी भी माफ नहीं किया जा सकता था. ‘ बराड़ ने आगे सिद्धू मूसेवाला की दो गलतियां बताते हुए कहा- सिद्धू मूसेवाला पहले से लॉरेंस बिश्नोई के टच में थे. मुझे नहीं पता कि उन दोनों को किसने मिलाया था. मैंने कभी पूछा भी नहीं. लेकिन दोनों के बीच बातचीस मूसेवाला के कत्ल के काफी पहले से थी. चापलूसी के मकसद से वो लॉरेंस बिश्नोई को गुड मॉर्निंग और गुड ईवनिंग भी बोला करता था.
कब शुरू हुई सिद्धू मूसेवाला-लॉरेंस के बीच रिफ्ट?
दोनों के बीच सबसे पहली लड़ाई तब शुरू हुई जब मूसेवाला ने बिश्नोई के दुश्मन गैंग बंबिहा द्वारा आयोजित कबड्डी टुर्नामेंट का प्रमोशन किया. बंबिहा गैंग के गांव से लॉरेंस गैंग की दुश्मनी थी. वो हमारे दुश्मनों को प्रमोट करने लगा था. इस वजह से लॉरेंस और गैंग के बाकी लोग मूसेवाला से बहुत खफा थे. उन्होंने इस सिलसिले में सिद्धू को आगाह किया था. लेकिन चीजें तब और भी ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड हो गईं जब मिड्डुखेरावास का अगस्त 2021 में कत्ल कर दिया गया. इसकी जिम्मेदारी बंबिहा गैंग ने ली थी और इस केस में मूसेवाला के दोस्त और मैनेजर शगनप्रीत सिंह का नाम भी आया था.
आगे गोल्डी बराड़ के हवाले से कहा गया- ‘सभी इस मामले में जानते हैं कि सिद्धू मूसेवाला का रोल क्या था. यहां तक कि जिन पुलिस और जर्नलिस्ट सिद्धू मूसेवाला की इनवेस्टिगेशन की थी वो इस बारे में जानते हैं. सिद्धू ने इस मामले में अपनी पावर के दम पर पॉलिटिशियन्स तक को इन्फ्ल्यूएंस कर दिया था. वो राजनीति की ताकत, पैसा और अन्य माध्यमों की मदद से हमारे दुश्मन की मदद कर रहा था.’
हम उसे सजा देना चाहते थे…
हम चाहते थे कि उसने जो किया है उसके लिए उसे सजा मिलनी चाहिए. उसके खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए. उसे जेल में होना चाहिए. लेकिन हमारी अर्जी को नजरअंदाज किया गया और किसी ने भी इसे तवज्जो नहीं दी. इसलिए हमने खुद न्याय कर दिया. कानून और इंसाफ जैसा कुछ भी नहीं है. सिर्फ वही इंसाफ पा सकता है जिसके पास पावर है. हमारे जैसे आम आदमी को इंसाफ नहीं मिल सकता है.