लारेंस गैंग का “डिब्बा कॉलर” टोनी रिमांड पर: विश्नोई गैंग का राजदार बोलेगा या कोई खेल खेलेगा?

डीडवाना – कुचामन : लॉरेंस विश्नोई और रोहित गोदारा जैसे कुख्यात गैंगस्टरों के लिए “डिब्बा कॉलर” का काम करने वाला आदित्य जैन उर्फ टोनी अब पुलिस के शिकंजे में है. रविवार को एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स और कुचामन पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में टोनी को प्रोडक्शन वारंट के तहत गिरफ्तार किया गया और आज कुचामन  न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया.

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आदित्य 11 दिन के पुलिस रिमांड पर 

रविवार होने के चलते न्यायिक प्रक्रिया विशेष रूप से न्यायाधीश ज्ञानेंद्र सिंह के कुचामन स्थित राजकीय आवास पर संपन्न हुई. पुलिस ने पेशी के दौरान आरोपी के खिलाफ 17 अप्रैल तक की पुलिस रिमांड की मांग की, जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने आदेश जारी किए. इसके बाद आदित्य की मेडिकल जांच भी करवाई गई.

5 व्यापारियों को धमकी, 3 एफआईआर, और टोनी एक अहम कड़ी

अपर लोक अभियोजक सुनील शर्मा ने बताया कि 2024 के अंतिम महीनों में कुचामन में 5 व्यापारियों को फिरौती की धमकियां दी गई थीं, जिनमें से पांच व्यापारियों ने थाने में 3  मामले दर्ज करवाए. इन मामलों में कुल 7 आरोपी हैं, जिनमें आदित्य जैन भी शामिल है. फिलहाल उसे मुकदमा संख्या 403 के तहत न्यायालय में पेश किया गया और रिमांड पर लिया गया है.

कुचामन से लेकर चूरू-अजमेर तक फैला नेटवर्क

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नेमीचंद खारिया ने बताया कि आदित्य केवल कुचामन में ही नहीं, बल्कि चूरू और अजमेर जिलों में भी  आपराधिक मामलों में शामिल रहा है. रिमांड अवधि के दौरान उससे न केवल कुचामन के मामलों में, बल्कि लॉरेंस विश्नोई गैंग से जुड़े बड़े नेटवर्क, फिरौती कॉल ऑपरेशन और अन्य आपराधिक गतिविधियों के बारे में गहन पूछताछ की जाएगी.

क्या उगलेगा ‘डिब्बा कॉलर’ टोनी सच?

पुलिस को उम्मीद है कि टोनी की गिरफ्तारी से लॉरेंस विश्नोई और रोहित गोदारा गैंग के ऑपरेशन, फंडिंग, और धमकी नेटवर्क से जुड़े कई राज सामने आएंगे. अब देखना होगा कि टोनी पुलिस पूछताछ में कितना कुछ उगलता है या गैंग का दबाव उसे चुप रहने पर मजबूर कर देता है.

आगामी पूछताछ से कई सनसनीखेज खुलासों की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे प्रदेश के संगठित अपराध पर बड़ा प्रहार हो सकता है.

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