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सुप्रीम कोर्ट में वकील को बंदर ने काटा, भटकती रही महिला, नहीं मिली दवा

सुप्रीम कोर्ट परिसर में मंगलवार को एक वकील पर बंदरों ने हमला कर दिया. कोर्ट परिसर में प्रवेश करने के उनके साथ यह घटना हुआ. अचानक बंदरों के एक झुंड ने उन पर हमला कर दिया, जिसके कारण वह घायल हो गईं. एस सेल्वाकुमारी सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल की स्थायी सदस्य हैं.

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वकील एस सेल्वाकुमारी ने कहा, ‘मैंने शीर्ष अदालत कोर्ट में प्रवेश करने की कोशिश की और एक बंदर ने मेरी जांघ पर काट लिया. गेट के बाहर भी मुझे बचाने वाला कोई नहीं था. वहां कोई तैनात नहीं था, फिर जब मैं सुप्रीम कोर्ट डिस्पेंसरी में पहुंची तो वहां मरम्मत का काम चल रहा था.’

‘प्राथमिक उपचार की दवा नहीं थी’

वकील एस सेल्वाकुमारी सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल की स्थायी सदस्य हैं. कोर्ट के बाद वह अपने इलाज के लिए पॉलीक्लिनिक गईं. लेकिन वहां प्राथमिक उपचार की कोई दवा नहीं थी. उन्होंने बताया कि पॉलीक्लिनिक में घाव को सिर्फ साफ करके छोड़ दिया गया. वहां प्राथमिक उपचार की कोई दवा नहीं थी.

वहां डॉक्टर ने उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल जाने को कहा. हालांकि इसके बाद वकील सेल्वाकुमारी दिल्ली हाईकोर्ट परिसर पहुंचीं. जहां उन्हें टिटनेस का इंजेक्शन लगाया गया. उन्होंने बताया कि जब वह आरएमएल अस्पताल गईं तो उन्हें तीन और इंजेक्शन दिए गए. वहीं डॉक्टर ने बताया कि इसके बाद दो और इंजेक्शन दिए जाएंगे.

शरीर पर हो रहे रिएक्शन

सुप्रीम कोर्ट की वकील ने बताया कि एक के बाद एक इंजेक्शन लगने से उनके शरीर पर कुछ रिएक्शन हो रहे हैं. उन्हें बहुत तेज बुखार है और मानसिक आघात है. ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट परिसर में कोई व्यवस्था होनी चाहिए.

वकील एस सेल्वाकुमारी ने कहा कि कोर्ट परिसर के उपचार केंद्र में कुछ दवाएं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी घटना के लिए गेट पर बंदरों को न कोई भगाने वाला था और न ऐसी घटना से बचाने वाला कोई था.

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