Vayam Bharat

अकेले नहीं, सामूहिक रूप से होगा नेतृत्व का फैसला… कांग्रेस का ममता को दो टूक

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा जताए जाने पर सियासी घमासान मच गया है. इंडिया गठबंधन के विभिन्न घटक दलों ने ममता बनर्जी के बयान पर प्रतिक्रिया जताई है और अब कांग्रेस की इस बयान पर प्रतिक्रिया सामने आई है. कांग्रेस ने कहा है कि विपक्षी गठबंधन के नेतृत्व के फैसले सार्वजनिक घोषणाओं के बजाय सभी सदस्य दलों द्वारा सामूहिक रूप से लिए जाएंगे.

Advertisement

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन कामकाज से असंतोष जताते हुए कहा कि अगर उन्हें मौका दिया जाता है तो वह गठबंधन को नेतृत्व देने के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही ममता बनर्जी ने यह भी साफ कर दिया है कि वह फिलहाल बंगाल नहीं छोड़ेंगी, लेकिन बंगाल में रहकर ही वह गठबंधन का संचालन कर सकती हैं.

उनकी टिप्पणी टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद और सांसद कल्याण बनर्जी के उस बयान के बाद आया था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को इंडिया गठबंधन का प्रमुख बनाया जाना चाहिए.

गठबंधन में सामूहिक रूप से लिए जाएंगे फैसले

दूसरी ओर, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने ममता बनर्जी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आईएएनएस से कहा, ” इससे पहले नीतीश कुमार ने भी इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा जताई है, लेकिन इस तरह के गठबंधन में नेतृत्व के फैसले एकतरफा नहीं लिए जाते हैं.”

उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी सदस्यों के बीच सहमति के साथ-साथ उनके परामर्श की भी जरूरत होती है. इंडिया गठबंधन का कौन नेतृत्व करेगा, कौन संयोजक होगा, इस बारे में कोई भी फैसला सामूहिक रूप से करेगा.

अल्वी ने कहा ने कहा कि गठबंधन के नेताओं के लिए नेतृत्व करने की आकांक्षा रखना स्वाभाविक है, लेकिन ऐसे निर्णय व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को ध्यान में रखकर नहीं लिए जाते हैं. कांग्रेस के लोकसभा सांसद तारिक अनवर ने भी कहा कि इंडिया ब्लॉक कई दलों का गठबंधन है और नेतृत्व के फैसले सामूहिक रूप से लिए जाएंगे.

इंडिया ब्लॉक में बढ़ी तकरार

चुनावों में भाजपा को चुनौती देने के लिए इंडिया ब्लॉक का गठन हुआ था. इसमें दो दर्जन से अधिक विपक्षी दल शामिल हैं, जबकि कांग्रेस गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है और वह गठबंधन को नेतृत्व दे रही है. दूसरी ओर, टीएमसी ने लगातार ममता को प्रमुख नेतृत्व की भूमिका निभाने की वकालत की है.

इस बीच, इंडिया ब्लॉक को आंतरिक विभाजन और समन्वय की कमी के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाए गए हैं. खास कर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की पराजय के बाद गठबंधन की पार्टियों के बीच तकरार और भी बढ़ गई है.

Advertisements