बैगाओं की जिंदगानी, सड़क छोड़िए पीने का पानी भी नसीब नहीं

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले की ग्राम पंचायत दुग्गी में सड़क और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी है. ग्राम पंचायत दुग्गी की बैगा बस्ती में करीब 8 से 10 परिवार रहते हैं. इनकी सबसे बड़ी समस्याएं आवागमन के लिए सड़क और शुद्ध पेयजल की हैं. आजादी के इतने वर्षों बाद भी ये समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं.

ग्रामीणों का छलका दर्द: देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं ये लोग बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. ग्रामीण कहते हैं कि जब भी चुनाव आते हैं तो गरीब तबके के लिए नेताओं का प्यार उमड़ता नजर आता है. लेकिन चुनाव बीतते ही वादे भूल जाते हैं.

सड़क और पानी जैसी समस्याएं वर्षों से बनी हुई हैं. बीमार पड़ने पर मरीज को चारपाई पर लिटाकर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ता है. पानी के लिए दूर के गांवों पर निर्भर रहना पड़ता है-सुखनंदन बैगा

आजादी के कई साल बाद भी सड़क नहीं: देश को आजाद हुए कई साल बीत चुके हैं लेकिन दुग्गी गांव में सड़क तक नहीं बनी है.

बार बार शिकायत करने पर प्रशासनिक अधिकारी आते तो हैं लेकिन माप जोख करते हैं और चले जाते हैं. अबतक सड़क बनाने का काम शुरू नहीं हुआ है-श्याम बैगा, ग्रामीण

पीने के पानी की भी समस्या: दुग्गी गांव में पीने के पानी की भी समस्या है. ग्रामीण महिला चंपा बैगा कहती हैं कि पानी की समस्या इतनी गंभीर है कि हमें दिनभर पानी की खोज में भटकना पड़ता है.

सरपंच कई बार दे चुकीं आवेदन: ग्राम पंचायत दुग्गी की सरपंच मानमति ने बताया कि कई बार सड़क और पानी की समस्या के लिए आवेदन दिए, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. रोड की केवल नाप-जोख हुई है पर निर्माण शुरू नहीं हुआ.

जनप्रतिनिधि भी नहीं दे रहे ध्यान: राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा जनजाति के लोगों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन ग्राम पंचायत दुग्गी की बैगा बस्ती के हालात बद से बदतर हैं. ग्रामीण कहते हैं जब चुनाव आते हैं तो गरीब तबके के लिए नेताओं का प्यार उमड़ता नजर आता है लेकिन चुनाव बीतते ही सभी वादे भूला दिए जाते हैं.

 

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