डोंगरगढ़ में कॉलोनियों के पास पहाड़ी के नीचे दिखा तेंदुआ, दहशत में लोग..

राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में लोगों ने शनिवार दोपहर तेंदुए को सुदर्शन पहाड़ की ढलानों पर घूमते देखा। शुरुआत में लगा कि शायद किसी ने मजाक किया है, लेकिन जैसे ही फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए, स्थिति साफ हो गई, एक तेंदुआ शहर के बिल्कुल करीब मौजूद है।

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वह भी ऐसी जगह जहां सरकारी कॉलोनियां, अफसरों के आवास और आम लोगों की बस्तियां बन गई है। घटना के तुरंत बाद वन विभाग सक्रिय हुआ, पिंजरे लगाए गए, टीमें तैनात हुईं, इलाके को घेरा गया। लेकिन तेंदुआ वन विभाग की पकड़ से बाहर है। तेंदुए की मौजूदगी से स्थानीय लोग डरे हुए हैं।

जहां तेंदुआ देखा गया, वह कभी पूरा वन क्षेत्र था

यह घटना शहर और जंगल के बीच बढ़ती टकराहट की बानगी है। सुदर्शन पहाड़, जहां तेंदुआ देखा गया, कभी पूरी तरह से वन क्षेत्र था। घना जंगल, जैव विविधता और शांत वातावरण इसे वन्यजीवों के लिए आदर्श बनाता था। लेकिन बीते कुछ सालों में इस इलाके में तेज विकास हुआ है।

अब पहाड़ की तलहटी में कॉलोनियां हैं, सरकारी भवन हैं, सड़कें हैं, स्ट्रीट लाइट्स हैं और जल्द ही शायद कुछ और मोहल्ले भी यहां बस जाएं। यानी शहर धीरे-धीरे उस इलाके में घुस गया जिसे कभी जंगल कहा जाता था।

वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?

वन्यप्रेमियों और विशेषज्ञों के मुताबिक यह तेंदुआ नया नहीं है। सालों से इसकी मौजूदगी इस पहाड़ी क्षेत्र में दर्ज होती रही है। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले इंसानों की पहुंच यहां तक नहीं थी, इसलिए कोई टकराहट नहीं होती थी।

आज जब जंगल की सीमा घट गई है और इंसानी गतिविधियां बढ़ गई हैं, तो वन्यजीवों का सामना शहर से होना तय है। और जब वो सामने आते हैं, तो हम उन्हें ‘खतरा’ समझने लगते हैं।

फिलहाल, सरकारी आवासों के पास देखे जाने के बाद से ही वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। शनिवार रात से ही वन विभाग के अधिकारियों ने पिंजरा लगाकर तेंदुए की खोजबीन शुरू कर दी है। इस पूरे मामले पर वन विभाग की ओर से अभी तक कोई ठोस जानकारी साझा नहीं की गई है।

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