Uttar Pradesh: अमेठी के गौरीगंज से समाजवादी पार्टी के बाद विधायक राकेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में आज हजारों की संख्या में राम भक्त अयोध्या दर्शन के लिए रवाना हो गए. गाजे-बाजे, ढोल नगाड़े और हाथी घोड़ो के साथ जय श्री राम का नारे लगाते हुए हजारों राम भक्त अयोध्या के लिए रवाना हुए. विधायक राकेश प्रताप सिंह की पदयात्रा में प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरि समेत जिले के सभी बड़े भाजपा नेता शामिल हुए. उत्तराखंड के पीठाधीश्वर कृष्णाचार्य और अमेठी के हिंदू धर्म गुरु मौनी महाराज ने विधायक के साथ पदयात्रा की शुरुआत की.
दरअसल अमेठी के गौरीगंज से समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह एमएलसी चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोट करने के बाद चर्चा में आये. जिसके बाद प्रदेश सरकार ने उन्हें वाइ प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की. राम मंदिर उद्घाटन के दौरान पार्टी के विरोध के चलते रामलला का दर्शन करने से वंचित रह गए, विधायक ने तभी ठाना को वो आने वाले समय में राम लला का दर्शन करने जाएंगे. अपने प्रण के साथ सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह आज हजारो लोगों के साथ भगवान राम का दर्शन करने के लिये अयोध्या के लिये रवाना हो गए. विधायक की 108 किलोमीटर की पदयात्रा होगी. 14 नवंबर को रामलला का दर्शन करने के बाद समाप्त होगी.
तीन जगहों पर होगा ठहराव
विधायक राकेश प्रताप सिंह की पदयात्रा का गौरीगंज से लेकर अयोधया तक तीन जगहों पर ठहराव होगा, जहां सभी रामभक्तो के साथ रात्रि विश्राम किया जाएगा. ठहराव वाले स्थानों पर अलग-अलग कार्यक्रमो का भी आयोजन किया गया है.
संतो ने दिया आशीर्वाद
यात्रा की शुरुआत गौरीगंज कस्बे के रणंजय इंटर कालेज मैदान से हुई. जहाँ प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह,एमएलसी शैलेन्द्र प्रताप सिंह,जिला पंचायत अद्यक्ष राजेश अग्रहरी समेत भाजपा के सभी नेता मौजूद रहे. विधायक के कार्यक्रम में उत्तराखंड के पीठाधीश्वर कृष्णाचार्य और हिन्दू धर्म सगरा पीठाधीश्वर मौनी महाराज ने पद यात्रा में शामिल होकर अपना आशिर्वाद दिया.
वहीं सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने अपनी ही पार्टी पर साधा निशाना. पदयात्रा के पहले रामभक्तों को संबोधित करते हुए दिया बड़ा बयान…
मैंने अयोध्या धाम जाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था, लेकिन उसे समय दलीय भावना के चलते नहीं जा सका. उस समय राजनीतिक आकाओं ने कहा कि मेरा दल नहीं जाएगा. यह केवल प्रभु राम के दर्शन कर अपना जीवन धन्य करना ही नहीं है. यह सनातन विरोधी मानसिकता के राजनेताओं को जवाब देने का समय है. उन विक्षिप्त मानसिकता के लोगों को जो हमारे देवी देवताओं को गाली देते हैं अभद्र टिप्पणी करते हैं. राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं. पूज्य तुलसीदास जी के लेखनी पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं. रामचरितमानस की प्रतियां जलवाते हैं. जो हिंदू धर्म के लोगों और सनातनी को जातियों में बताकर अपनी राजनीतिक रोटी सेकना चाहते हैं. उनको इस यात्रा के माध्यम से यह जवाब देना है कि, सनातन धर्म आपके रोकने से रुकेगा नहीं. यदि हिंदू देवी देवताओं पर आप कोई टिप्पणी करेंगे तो सनातनी आपको मुंहतोड़ जवाब देंगे. यह संकल्प लेकर इस यात्रा में निकलना है. इस संकल्प को पूरा कर उन विक्षिप्त मानसिकताओं के लोगों के दिमाग को भी ठीक करना है.