महिला MP के लिए संसद में झूठ? अब चुनाव लड़ने पर मंडराया संकट..

सिंगापुर की एक अदालत ने झूठ बोलने के आरोप में सांसद प्रीतम सिंह को दोषी ठहराया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद सांसद सिंह अब सिंगापुर में चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. सिंगापुर में इसी साल के अंत में आम चुनाव होने हैं, जिसे देश की राजनीति को लेकर काफी अहम माना जा रहा है.

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दोषी ठहराए गए सांसद प्रीतम सिंह विपक्षी वर्कर्स पार्टी के प्रमुख हैं. ऐसे में कोर्ट के इस फैसले को विपक्षी पार्टी के लिए झटका माना जा रहा है.

प्रीतम सिंह पर क्या है आरोप?

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक 48 वर्षीय सिंह पर संसद में अपने मित्र सांसद के पक्ष में झूठी गवाही देने का आरोप है. अदालत का कहना है कि सिंह जानबूझकर झूठ बोल रहे थे, जिससे सरकार की छवि को नुकसान पहुंचे. सिंह को 2 मामलों में दोषी ठहराया गया है.

जज जिला न्यायाधीश ल्यूक टैन ने अपने फैसले में कहा कि प्रीतम सिंह कभी नहीं चाहते थे कि उनकी साथी रईसा खान ने जो झूठ संसद में बोला था, वो सच में तब्दील हो, इसलिए उन्होंने भी उसके पक्ष में गवाही दे दी.

कोर्ट ने इसे गंभीर अपराध माना और कहा कि झूठ बोलने में रईसा की तरह की प्रीतम की भी भागीदारी है. रईसा ने 2021 में पुलिस पर यौन उत्पीड़न पीड़िताओं के साथ गलत करने का आरोप लगाया गया था.

बाद में जब इस मामले में खान पर कार्रवाई हुई तो उन्होंने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.

जुर्माने से तय होगा सियासी भविष्य

प्रीतम सिंह की पार्टी को 2020 के चुनाव में 10 सीटों पर जीत मिली थी. सिंगापुर की आजादी के बाद पहली बार किसी विपक्षी पार्टी को 10 सीटों पर जीत मिली थी. सिंह को विपक्ष का नेता नामित किया गया था, लेकिन अब जिस तरीके से उन्हें दोषी ठहराया गया है, उससे उनके सियासी भविष्य को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.

सिंगापुर की अदालत सिंह को अगर 10 हजार सिंगापुर डॉलर (6.47 लाख रुपए) से ज्यादा का जुर्माना लगाती है, तो सिंह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

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