शहर में बुधवार को 12 घंटे में 13 इंच बारिश हुई। जिससे शहर में बाढ़ जैसे हालात बन गए. हालांकि देर शाम बारिश रुकने पर लोगों को राहत मिली. लेकिन आज विश्वामित्री नदी, जो रात में झील से पानी छोड़ती है, का स्तर खतरनाक स्तर को पार कर 28 फीट तक पहुंचने को तैयार है. फिर नदी किनारे के निचले इलाकों में पानी घटने से लोग सड़क पर रहने को मजबूर हैं. इसके साथ ही सड़क पर मगरमच्छ भी दिखाई देने लगे हैं.
विश्वामित्री नदी का जलस्तर सुबह से काफी बढ़ रहा है. एक समय विश्वामित्री स्तर 28 फीट तक पहुंचने पर कालाघोड़ा पुल को बंद करने की बात चल रही थी. लेकिन अब विश्वामित्री नदी का स्तर 28 फीट के आसपास स्थिर है क्योंकि झील में पानी का बहाव अब बंद हो गया है. लेकिन नदी किनारे के निचले इलाकों में दोबारा बाढ़ आने से लोग बेघर हो गए हैं.
शहर के बाहरी इलाके कलाली गांव के पास से विश्वामित्री जैसे-जैसे नदी गुजरती है, नदी का स्तर बढ़ जाता है, कलाली गांव में निचले इलाकों में पानी कम हुआ है लोग सड़क पर तंबू लगाने को मजबूर हो गए हैं. तब सयाजीगंज क्षेत्र में स्थित है परशुराम भट्ट क्षेत्र और विश्वामित्री इसके आसपास के तलछटी क्षेत्रों में नदी का पानी लौट आया है. तभी दूसरी विश्वामित्री नदी में रहने वाले मगरमच्छ देर रात सड़क पर आ गए. जिसमें फतेगंज स्थित नरहरि मार्ग पर मगरमच्छ मार्ग और जम्बुवा गांव में पुल पर ढाढर नदी का पानी पहुंच गया.
वडोदरा: शहर के पूर्वी इलाके में अब भी बारिश का पानी नहीं निकला , जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा
बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश के बाद शहर के पूर्वी हिस्से, उमा चररास्ता जावेरनगर, वृन्दावन चररास्ता, बापोद जकातनाका, सोमात्लाव दुभोइरोड, सरदार एस्टेट, खोडियारनगर, महावीर हॉल चाररास्ता, गधेड़ा बाजार क्षेत्र में कई सोसायटियों और सड़कों के किनारे बारिश का पानी नहीं उतरा है. दूसरे दिन भी. ऐसे दृश्य जहां सिस्टम का प्रीमानसून प्रदर्शन पूरी तरह विफल रहा है. जनता परेशान है तो चुनाव के दौरान वोट मांगने वाले नेता और वार्ड नंबर 5 के निर्वाचित पार्षद पूर्वी क्षेत्र में अपने वार्ड में नहीं दिखे.
ये पार्षद बीच-बीच में समाज में आकर अपनी सरकार और पार्टी के विकास का ढिंढोरा पीटकर लोगों को गुमराह करते हैं, लेकिन जरूरत के समय गायब हो जाते हैं. शहर के पूर्वी हिस्से की सोसायटियों में अभी भी पानी भरा हुआ है, लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है, ड्रेनेज लाइनें भी जाम हैं और लोगों को वॉशरूम जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जब कोई बड़ा नेता शहर में आता है तो सिस्टम रातों-रात सारी व्यवस्था कर देता है और जो लोग नेताओं को टैक्स देते हैं और वोट देने वाले लोगों की कोई चिंता नहीं करते, उनकी वर्तमान स्थिति देखी जा रही है.
वडोदरा: वीआईपी रोड वूडा सर्कल के पास VMC के भ्रष्टाचार का सबसे बडा गड्ढा पड़ा
गनीमत यह रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ.. आए दिन वडोदरा शहर की सड़कें सिस्टम की लापरवाही के कारण खराब होती रहती हैं. लेकिन ठेकेदारों और अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण साल 2024 का सबसे बड़ा गड्ढा शहर के कारेलीबाग इलाके में वीआईपी रोड पर वुडा सर्कल के पास देखने को मिला. और इतना विशाल विशालकाय आपने कभी नहीं देखा होगा.
वडोदरा में कल 13 इंच तक हुई बारिश से शहर के विभिन्न इलाकों में जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई. दिन में विश्वामित्री नदी में बाढ़ की स्थिति तो नहीं थी लेकिन शहर के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये. वडोदरा नगर निगम द्वारा किए गए प्रीमानसून प्रदर्शन के खोखले दावे झूठे निकले.
कल देर शाम वुडा सर्किल के पास अचानक भारी भरकम बिजली गिरी, जिससे राहगीर और नागरिक स्तब्ध रह गए। सौभाग्य से जब इतनी बड़ी भुवा का जन्म हुआ तो आसपास कोई नागरिक या वाहन नहीं था जिससे कोई घटना नहीं घटी.
सामाजिक कार्यकर्ता कमलेश परमार ने तुरंत सिस्टम को भुवा के बारे में सूचित किया और नागरिकों को इकट्ठा किया और भुवा के आसपास के क्षेत्र में नाकाबंदी कर दी ताकि भुवा के कारण कोई अन्य दुर्घटना न हो. लेकिन सवाल अब भी बना हुआ है कि आख़िर इतनी बड़ी तबाही किस वजह से हुई. असफलता का सबसे बड़ा कारण यह है कि ठेकेदार द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं किया जाता है और निगम अधिकारी लापरवाही बरतते हैं.