सुपौल में दुष्कर्मी शिक्षक को आजीवन कारावास, कक्षा पांच की छात्रा के साथ किया था दुष्कर्म

सुपौल : अपने शिक्षक के हाथों ही दुष्कर्म की शिकार बनी कक्षा पांच की छात्रा को पांच वर्ष बाद सोमवार को न्यायालय से इंसाफ मिला. इस मामले में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश षष्टम सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो बृज किशोर सिंह की कोर्ट ने दुष्कर्मी प्राइवेट शिक्षक संजीत कुमार को दोषी करार करते हुए आजीवन कारावास व अर्थ दंड की सजा सुनाई है. मामला छातापुर थाना कांड संख्या 154 /2019 से संबंधित है. इसमें कक्षा पांच की छात्रा ट्यूशन पढ़ने गई थी.

Advertisement

 

इसी दौरान ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक संजीत कुमार ने छात्रा को एक कमरे में ले जाकर उसके साथ मुंह काला किया. घटना बाद छात्रा को उसके घर के पास लाकर छोड़ दिया. इसके बाद पीड़िता के भाई ने मामला दर्ज किया था. दर्ज मामले में पीड़िता के भाई ने कहा था कि आरोपी अपने घर पर ही ट्यूशन पढ़ाता था. वहां उसकी बहन भी ट्यूशन पढ़ने जाती थी. अन्य दिनों की भांति 15 जून 2019 को भी वह ट्यूशन पढ़ने गई. शाम करीब 6 बजे संजीत ने उनकी बहन को पानी लाने को कहा. जब वह पानी लाने गई तो पीछे से संजीत भी पहुंच गया और उसे जोर-जबरदस्ती उठाकर अपने कमरे में ले गया फिर दुष्कर्म किया. इससे उसकी बहन बेहोश और लहूलुहान हो गई. इसके बाद संजीत ने मोटरसाइकिल से उसे घर के पास छोड़ दिया. उनकी बहन जब होश में आई तो किसी तरह घर पहुंची और आपबीती बताई.

 

सुनवाई उपरांत उक्त कोर्ट ने अभियुक्त संजीत कुमार को दोषी करार करते हुए भादवि की धारा 376 (3) के तहत आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये अर्थ दंड, पोक्सो अधिनियम की धारा (42) एवं 6 के तहत जीवन के अंतिम क्षण तक आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अर्थदंड की राशि नहीं देने पर जहां अतिरिक्त 6 माह की सजा भुगतनी होगी वहीं पूर्व में बिताई गई अवधि दी गई सजा में समायोजित की जाएगी. अर्थ दंड की राशि पीड़िता को देय होगी.

 

अभियोजन पक्ष की अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक पोक्सो नीलम कुमारी ने बताया कि सुनवाई के दौरान मामले की गंभीरता को देखते हुए जहां मेडिकल रिपोर्ट दुष्कर्म की बात को पुष्टि कर रहा था वहीं पीड़िता और दुष्कर्मी के कपड़े की जांच हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाला भागलपुर भी भेजा गया. जांचोंपरांत दुष्कर्म की बात की पुष्टि हुई. इस पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक पोक्सो नीलम कुमारी तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता करुणाकांत झा ने बहस में हिस्सा लिया.

 

Advertisements