बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक दर्दनाक घटना हुई. जहां 7 साल की बच्ची सोफिया की इलाज के अभाव में मौत हो गई. पीड़ित पिता नाजिम अपनी बेटी को गंभीर हालत में लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से बच्ची को इलाज नहीं मिल पाया और उसकी मौत हो गई.
पीड़ित पिता का आरोप है कि बच्ची को अस्पताल लाने के बाद घंटों इंतजार कराया गया और डॉक्टरों ने इलाज से मना कर दिया. आरोप है कि इस दौरान डॉक्टर टीवी क्रिकेट मैच देखते रहे और सोफिया की हालत बिगड़ती चली गई. अंततः उसने अपनी मां की गोद में दम तोड़ दिया. घटना के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है और आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
इलाज के अभाव में बच्ची की मौत
घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ित पिता से तहरीर ली. वहीं, जब मीडिया ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से संपर्क किया तो CMS प्रो. डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि घटना बेहद दुखद है और इस पर जांच के लिए 4 सदस्यीय टीम बनाई गई है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
इस मामले को लेकर बदायूं के पूर्व सांसद और आजमगढ़ के सांसद धर्मेंद्र यादव ने भी अपने X अकाउंट पर पोस्ट कर प्रशासन की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
इस तरह की हृदय विदारक् घटना को देखकर मन व्यथित हो जाता है ।।
सरकार में बैठे लोग जिनको यह व्यवस्था दुरस्त करनी चाहिये उनके पास इस व्यवस्था को दुरस्त करने की ना नियत ना सोच ।।
माननीय आदरणीय श्री अखिलेश यादव जी ने बदायूँ के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मेडिकल कॉलेज के… pic.twitter.com/f7QqkGMbry— Dharmendra Yadav (@MPDharmendraYdv) October 23, 2024
जांच के लिए कमेटी का गठन
वहीं, इस मामले पर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य ने बताया कि 7 दिन का मेडिकल कॉलेज में फेस्ट पहले से प्रस्तावित था, इसमें गेम्स और बाकी एक्टिविटीज शामिल थीं. इसमें एमबीबीएस के छात्र पार्टिसिपेट कर रहे थे और एकेडमिक फैकेल्टी के कुछ लोग ही इसमें शामिल थे. जैसा कि बताया जा रहा है की डॉक्टर मैच में व्यस्त थे इस बात की जांच कराई जा रही है. फेस्ट में आईपीडी, ओपीडी और इमरजेंसी का कोई भी डॉक्टर या स्टाफ का कोई पार्टिसिपेशन नहीं था.