मिर्ज़ापुर : मिर्जापुर जनपद सिर्फ अपने प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के लिए ही नहीं जाना जाता है बल्कि यहां के चुनारगढ़ के किला और झरनों के साथ-साथ चुनार के प्राचीन चीनी मिट्टी अपनी अलग ही ख्याति है. जो विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुका है जिसे अब सहेजने की पुरजोर कोशिश से तेज हो गई हैं. तो लिए आपको बताते हैं कैसे.
मिर्जापुर जिले के ऐतिहासिक चुनार जिसे चंद्रकांता की प्रणय स्थल भी कहा जाता है इसी चुनार के प्राचीन चीनी मिट्टी के बर्तनों के निर्माण की कला के संवर्धन के लिए जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन द्वारा जिला खनिज निधि से उपलब्ध कराई धनराशि से स्थापित होने वाले टनल फर्नेस के निर्माण चुनार चीनी मिट्टी के उद्यमियों में खुशी देखी जा रही है.
निर्माणाधीन टनल फर्नेस स्थल का जिलाधिकारी के निर्देश के अनुपालन में संयुक्त आयुक्त उद्योग वीरेंद्र कुमार द्वारा यूपी प्रोजेक्ट कारपोरेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर एवं स्थानीय उद्यमियों के साथ चीनी मिट्टी पात्र विकास केंद्र का निरीक्षण किया गया तथा स्थानीय उद्यमियों के साथ टनल फर्नेस के स्थापित होने के उपरांत संचालन इत्यादि पर विस्तृत चर्चा की गई कि किस प्रकार टनल फर्नेस को सेल्फ सस्टेनेबल बनाया जाए.
चुनार के विश्व प्रसिद्ध कारीगरों को कैसे उसका लाभ मिले. इस पर वहां के स्थानीय उद्यमियों तथा समिति के सदस्यों के साथ चर्चा कर आगामी रूपरेखा तैयार की गई.
स्थानीय उद्यमियों ने हर्ष व्यक्त किया है कि चुनार में टनल फर्नेस स्थापित होने पर चुनाव के चीनी मिट्टी के उद्योग को एक संजीवनी मिलेगी एवं यहां के उद्योग की डिमांड दूर-दूर के क्षेत्र तक पूरी हो पाएगी और स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. उनके द्वारा यह भी बताया गया कि अभी हम लोग खुर्जा से चीनी मिट्टी के बर्तन लाकर विक्रय करते हैं.
टनल फर्नेस के स्थापित होने से हम लोग उनका उत्पादन स्थानीय स्तर पर करेंगे जिससे हमारी लागत कम होगी जो लोग इस उद्योग को छोड़ रहे थे वह फिर से इस उद्योग की तरफ आकर्षित होंगे चुनार कच्ची नहीं मिट्टी बर्तन फिर से अपने पुरातन गौरव को प्राप्त करेंगे.
बताते चलें कि चीनी मिट्टी यानी पाटरी उद्योग का कारोबार उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के खुर्जा शहर से भी व्यापक पैमाने पर मिर्जापुर के चुनार में हुआ करता था, लेकिन भारी उपेक्षा के कारण यह कारोबार धीरे-धीरे दम तोड़ने लगा था, लेकिन अब सरकार और जिला प्रशासन के संयुक्त समन्वय तथा क्षेत्रीय विधायक अनुराग सिंह पटेल के प्रयास से इस उद्योग को संजीवनी मिलने के आसार बड़े हैं.