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ओला ऊबर की तरह एक क्लिक पर खेती किसानी के उपकरण, किराए पर मिलेंगे यंत्र

छिंदवाड़ा (महेंद्र राय): छिंदवाड़ा में उन्नत खेती करने के लिए अब किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों के लिए इंतजार नहीं करना होगा. ऑनलाइन टैक्सी बुकिंग के लिए जैसे एप्लीकेशन का उपयोग किया जाता है इस तरह प्रशासन ने एक एप्लीकेशन तैयार किया गया है जिसमें कस्टम हायरिंग सेंटर से ऑनलाइन कोई भी कृषि उपकरण बुक करने के बाद वह किसान के घर पहुंचेगा और अपनी सुविधा देगा. जिससे किसान आधुनिक खेती कर सकता है. जिले में जे फार्म सर्विसेज के माध्यम से उन्नत कृषि यंत्र किराए पर प्राप्त करने के लिये ऑनलाइन प्रक्रिया होगी.

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ऑनलाइन मिलेगी कृषि यंत्र, किसान को मिलेगी सुविधा
कृषि उपसंचालक जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि, ”शासन की मंशा के अनुसार कृषि विभाग एवं कृषि अभियांत्रिकी विभाग, जे-फार्म सर्विसेस द्वारा जिले के कस्टम हायरिंग केन्द्र संचालकों को मोबाइल एप्लीकेशन जे-फार्म एप के माध्यम से स्लॉट बुक कराते हुए अपने खेत में कृषि उपकरणों को आसानी से उपलब्ध कराए जाएंगे. जिसके संबंध में एक दिन की ट्रेनिंग का आयोजन जिला पंचायत सभाकक्ष में किया गया.

किराए पर दिए जाएंगे कृषि उपकरण, ये है सिस्टम
जे-फार्म संस्था के प्रमुख शैलेश कुमार जैन एवं प्रदेश प्रमुख संजय कुमार द्वारा जे-फार्म एप पर पंजीयन करने की विधि एवं इसकी उपयोगिता के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई. इस कार्यक्रम में उप संचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि कृषि अभियांत्रिकी के क्षेत्र में हो रहे नवाचार एवं मोबाइल एप जे-फार्म के माध्यम से सरलता से कृषि उपकरणों की उपलब्धता जिले के किसानों के लिए लाभप्रद होगी.”

कृषि अभियांत्रिकी विभाग से उपयंत्री अश्विनी सिंह ने कृषि क्षेत्र में हो रहे डिजिटलाइजेशन के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि, ”कृषि अभियांत्रिकी विभाग एवं जे-फार्म सर्विसेस के संयुक्त प्रयास से जिले के किसान जिनके पास सभी आवश्यक कृषि उपकरण उपलब्ध नहीं हैं, वह मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से ऑनलाइन कृषि उपकरण बुक कराकर यंत्रों का उपयोग अपने खेत में आसानी से करा सकेंगे.”

कम लागत में आधुनिक कृषि को बढ़ावा देना है उद्देश्य
कस्टम हायरिंग सेंटर आधुनिक खेती को बढ़ावा देकर किसानों को उन्नत बनाने का सरकार का अभियान है. महंगे आधुनिक कृषि यंत्र खरीद कर किसान खेती नहीं कर पाता है तो उन्हें सरकार के द्वारा अनुदान पर दिए जाने की योजना बनाई गई है. इसमें स्वयंसेवी संस्था और अन्य संगठन भी कस्टम हायरिंग सेंटर खोल सकते हैं. जिसके लिए सरकार अनुदान देती है. यह सेंटर आधुनिक कृषि यंत्र खरीद कर किराए पर संचालित करते हैं. जिससे किसानों का भी फायदा होता है और कस्टम हायरिंग केंद्र संचालकों का भी. अलग अलग यत्रों का अलग अलग किराया निर्धारित है.

क्या है कस्टम हायरिंग योजना
कस्टम हायरिंग केंद्र जिसे शॉर्ट में सीएचसी CHC भी कहा जाता है. यह एक ऐसी योजना है जिसके अंतर्गत एक ही स्थान पर सभी प्रकार के कृषि उपकरण को स्थापित किया जाता है. यह योजना खास तौर पर छोटे किसानों के लिए चलाई जा रही है. योजना के अंतर्गत एक केंद्र बनाया जाता है. यह एक ऐसी जगह होती है, जहां पर किसानों को कृषि उपकरण किराए पर उपलब्ध करवाए जाते हैं. जो छोटे और सीमांत किसान हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है, जिस कारण से वह महंगी कृषि यंत्रों को खरीद नहीं पाते हैं, उन्हें यहां लाभ दिया जाता है.

कस्टम हायरिंग योजना से यह लाभ मिलेगा
योजना के तहत हितग्राही को स्वयं के गांव में कृषि कार्यों के लिए कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करने हेतु अनुदान दिया जाता है. कस्टम हायरिंग केन्द्र के माध्यम से हितग्राही द्वारा कृषकों को कृषि कार्यों के लिए किराये पर मशीनें एवं यंत्र उपलब्ध कराकर सेवायें दी जाना होंगी. प्रत्येक कस्टम हायरिंग केन्द्र के लिए आवश्यक ट्रैक्टर एवं कृषि यंत्रों से संबंधित कृषि मशीनों के क्रय की लागत (अधिकतम राशि रु. 25.00 लाख) पर सभी श्रेणी के आवेदकों को 40 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी.

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