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‘एक्सपाइरी दवा और सल्फास से बनती है शराब, माफियाओं से मिले हैं थानेदार…’, बोले JDU नेता

बिहार (Bihar) के कुछ इलाकों में जहरीली शराब पीने से कई लोगों के मरने की खबर है. अभी लोगों का हॉस्पिटल में इलाज में भी चल रहा है, मौतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में जेडीयू के सीनियर लीडर गोपाल मंडल ने जहरीली शराब से हो रही मौतों पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, “जहरीली शराब पीकर गरीब आदमी मरता है. गरीब आदमी महुआ पीता है. यहां गुड़ की शराब में एक्सायरी टैबलेट और सल्फास मिला दिया जाता है. जो आदमी बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं, वो मर जाते हैं.”

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‘शराब बनाने वालों से मिले हैं थानेदार…’

गोपाल मंडल ने आगे कहा कि इस स्थिति को सुधारते के लिए एक कमेटी बनाई जानी चाहिए और अपराधियों को पकड़कर एक घर में बंद कर दिया जाना चाहिए. पुलिस तो सजग है लेकिन शराब बनाने वालों से थानेदार मिला हुआ है. इस वजह से लोगों का मनोबल बढ़ा हुआ है. जिला अधिकारी ठीक हो जाएं, तो सब कुछ ठीक हो जाएगा.

अब तक 37 लोगों की मौत

बिहार के सीवान, छपरा और गोपालगंज जिलों में जहरीली शराब से अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है. इतनी मौतें होने के बाद पुलिस एक्शन मोड में आ गई है. पुलिस ने उत्पाद विभाग की टीम के साथ मिलकर बैकुंठपुर, मांझा और बरौली थाना क्षेत्र के दियारे इलाके में ताबड़तोड़ छापेमारी की है, जिसमें भारी मात्रा में देसी शराब बरामद की गई है. बता दें कि जहरीला शराब पीने से सबसे ज्यादा मौतें सिवान जिले में हुई हैं, जहां 28 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं, छपरा जिले में 7 और गोपालगंज में 2 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है.

ड्रोन से छापेमारी

एसपी अवधेश दीक्षित के निर्देश पर दियारे इलाके में ड्रोन कैमरे की मदद से शराब की भट्ठियों की पहचान कर उन्हें ध्वस्त किया जा रहा है. पुलिस ने अर्धनिर्मित शराब को नष्ट करने के साथ-साथ शराब बनाने वाले उपकरणों, गैस चूल्हों, ड्रम और गैलनों को भी मौके पर नष्ट कर दिया. पुलिस ने अब तक 140 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की है. इस दौरान 5,000 लीटर से ज्यादा देशी शराब को नष्ट किया गया है. पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और यह अभियान आगे भी जारी रहेगा.

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