भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार 19 धार्मिक स्थलों में शराबबंदी के साथ लो अल्कोहल बेवरेज बार की एक नई श्रेणी शुरू करेगी। सामान्य बार के शुल्क से 50 प्रतिशत शुल्क देकर इस बार का लाइसेंस लिया जा सकेगा। इन नए बार मे केवल बीयर और वाइन ही उपलब्ध होगी। इतना ही नहीं ई- टेंडर प्रक्रिया के बाद शेष बची शराब दुकानों की नीलामी बोली लगाकर की जाएगी।
शराब दुकानों का निष्पादन सबसे पहले नवीनीकरण, लाटरी और इसके बाद ई-टेंडर के माध्यम से किया जाएगा।
शराब दुकानों के वर्तमान वर्ष के मूल्य में 20 प्रतिशत की वृद्धि कर वर्ष 2025-26 के लिए आरक्षित मूल्य निर्धारित किया जाएगा।
80 प्रतिशत राजस्व सुरक्षित होने पर नवीनीकरण किया जाएगा और प्रतिशत इससे कम रहता है तो सभी दुकानें बोली के माध्यम से नीलाम की जाएगी।
शराब दुकानों पर पीओएस मशीन से ही शराब विक्रय की होगी बिलिंग
जालसाजी की आशंकाओं को समाप्त करने के लिए प्रतिभूति राशि (सुरक्षा निधि) के रूप में केवल ई-चालान, ई-बैंक गारंटी ही मान्य की जाएगी।
साधारण बैंक गारंटी एवं सावधि जमा (एफडीआर) मान्य नहीं होगी। समस्त शराब दुकानों पर पीओएस मशीन से ही शराब विक्रय की बिलिंग की जाएगी।
दुकान स्तर तक शराब के ट्रैक एंड ट्रेस को लागू किया जाएगा। बारों को अपने शराब के स्टाक की आबकारी विभाग के मोबाइल एप पर एंट्री करनी होगी।
विदेशी शराब वेयरहाउस की प्रदाय व्यवस्था का आटोमेशन किया जाएगा और उन्हें स्मार्ट वेयरहाउस में परिवर्तित किया जाएगा।
19 धार्मिक स्थलों की 47 शराब दुकानें होगी बंद
मध्य प्रदेश के 19 नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों की 47 शराब दुकानें बंद की जाएगी। इन नगरीय निकायों में (उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर एवं अमरकंटक) की संपूर्ण नगरीय सीमा में एवं ग्रामीण निकायों में (ग्राम पंचायत सलकनपुर, कुंडलपुर, बांदकपुर, बरमानकलां, लिंगा एवं बरमानखुर्द) की ग्राम पंचायत सीमा में समस्त शराब दुकानों एवं बारों को बंद किया जाएगा।