छत्तीसगढ़ में शराब होगी 3000 रुपए तक सस्ती, सालाना 8 हजार करोड़ की खपत – 35% पुरुष और 3% महिलाएं पीने वाले…

छत्तीसगढ़ में 1 अप्रैल से शराब सस्ती हो जाएगी। प्रदेश की 650 से अधिक शराब दुकानों में नए रेट लागू होंगे। आबकारी विभाग से मिली रेट लिस्ट की पड़ताल करने पर पता चला है कि प्रीमियम व्हिस्की की कुछ बोतलें 3 हजार रुपए तक सस्ती हो रही है। हालांकि ये राहत सबसे महंगे दाम की शराब पर लागू होगी।

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आबकारी विभाग के मुताबिक रीटेल वाइन शॉप में अधिक बिकने वाली बोतलों में 20, 40, 150, 200 और 300 रुपए तक की कमी आई है। बार में भी शराब के दाम घटेंगे। हालांकि वहां मिलने वाले रेस्तरां सर्विस की वजह से कीमत में कोई खास फर्क महसूस होने के आसार कम ही हैं।

नई दरें लागू होने से सबसे सस्ती व्हिस्की प्रदेश में 480 रुपए से शुरू हो जाएगी। वहीं कुछ फैक्ट्स की बात करें तो प्रदेश में 8 हजार करोड़ से ज्यादा की शराब लोग पी रहे हैं, जिसमें 35.9 पुरुष और 2.8 प्रतिशत महिलाएं शराब पीती हैं।

छत्तीसगढ़ में सबसे सस्ती शराब कौन सी ?

छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग के मुताबिक नई रेट लिस्ट अगर जस की तस जारी होती है तो प्रदेश में बीयर, व्हिस्की, रम की कीमतें घटने के बाद सस्ते दामों पर शराब उपलब्ध होगी। हालांकि पीने वालों की चुनौती उन ब्रांड को हासिल करना होगा, जिनके रेट सबसे कम हैं।

अक्सर दुकानों में वो प्रोडक्ट न मिलकर महंगे प्रोडक्ट ही मिलते हैं।

  • नाइंथ एक्स्ट्रा बीयर स्ट्रॉन्ग 190 रुपए में 650 ML
  • आइकाॅन प्रीमियम व्हिस्की 480 रुपए में 750 ML
  • मेडॉफ प्रीमियम वोदका 640 रुपए में 750 ML
  • ट्वेंटी ट्वेंटी स्पेशल रम 480 रुपए में 750 ML

रेट कम करने के पीछे सरकार का लॉजिक

शराब सस्ती करने का फैसला 3 मार्च को हुई छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट बैठक में लिया गया था, तब सरकार ने कहा था कि विदेशी मदिरा पर लगने वाला “अतिरिक्त आबकारी शुल्क”, जो की छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के मदिरा क्रय के दर पर 9.5% राशि के बराबर होता है, इसे समाप्त किया गया है।

इससे विदेशी मदिरा, विशेष कर मीडियम रेंज और हाई रेंज की शराब का रीटेल दाम कम होगा, जिससे दूसरे प्रांतों से शराब की स्मगलिंग पर रोक लगेगी। इस अतिरिक्त शुल्क में कमी से विभिन्न रेंज की विदेशी मदिरा के फुटकर विक्रय दरों में लगभग 40/- से 3000/- रुपए प्रति बोतल तक की कमी आएगी।

कालाबाजारी पर रोक लगाने दाम घटाया गया

विभागीय सूत्रों के अनुसार, जो शराब प्रदेश में 280 रुपए में मिलती थी, उसे एमपी से अवैध रूप से लाकर यहां 200 रुपए में बेचा जा रहा था। अब सरकार ने उन बोतलों की कीमत घटाकर 280 रुपए कर दी है, जो 200 रुपए में मिलती थीं। ऐसे में प्रदेश में कालाबाजारी कर शराब बेचने वालों का धंधा मंदा पड़ने की संभावना है।

शराब से सरकार की कमाई कितनी

2019-2024 तक की ताजा स्थिति के अनुसार आबकारी विभाग ने इन वर्षों में शराब से कुल करीब 29 हजार 911 करोड़ की कमाई की है। अगर 5 वर्षों का औसत माना जाए तो पीने वालों ने 5 हजार 982 करोड़ की शराब पी ली।

आबकारी विभाग ने ताजा रिपोर्ट में अपना राजस्व 8 हजार करोड़ से अधिक बताया है। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस सरकार के दौरान प्रदेश में 4 से 6 हजार करोड़ की शराब बिक्री बताई गई है। हालांकि इसी बीच 2161 करोड़ के शराब घोटाले का विवाद सामने आया। इसकी जांच ED और EOW कर रही है।

पिछली कांग्रेस सरकार के आबकारी मंत्री कवासी लखमा जेल में हैं, जिस समय आबकारी विभाग ने 2023-24 में 8 हजार करोड़ से अधिक की आय बताई है। प्रदेश में भाजपा की सरकार पहले ही अस्तित्व में आ चुकी थी।

छत्तीसगढ़ में कितने पीने वालों की जानकारी

  • फरवरी 2025 में राज्य सभा में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने सर्वे की जानकारी दी
  • मंत्रालय राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) करवाता है। ये सर्वे 15 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं और पुरुषों पर होता है।
  • राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ताजा रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 35.9 पुरुष और 2.8 प्रतिशत महिलाएं शराब पीती हैं।
  • भारत का राष्ट्रीय औसत शराब पीने वाले पुरुषों का 22.4 और महिलाओं का 0.7 प्रतिशत है।

शराब से काली कमाई का मोह नहीं छोड़ पा रही सरकार- कांग्रेस

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार ने शराब की दुकानों की संख्या कम करने का कोई निर्णय नहीं लिया है। इस साल भी प्रदेश में 674 दुकानों से शराब बेची जाएगी। सरकार ने विदेशी शराब पर 9.5 प्रतिशत का अतिरिक्त कर कम किया, ताकि अधिक बिक्री हो सके। सरकार शराब से काली कमाई का मोह नहीं छोड़ पा रही है।

2018 में कांग्रेस सरकार के पहले छत्तीसगढ़ प्रति व्यक्ति शराब की खपत में देश में गोवा के बाद पहले स्थान पर था। कांग्रेस सरकार के 5 साल में छत्तीसगढ़ प्रति व्यक्ति शराब की खपत में देश में 18वें नंबर पर आ गया था। कांग्रेस राज में शराब की खपत को हतोत्साहित करने अनेक कदम उठाये गये थे। भाजपा सरकार शराबबंदी पर अपना स्टैंड क्लियर करें।

रायपुर के घड़ी चौक पर विरोध प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ी महिला संघ की अध्यक्ष मालती परगनिया ने अन्य महिलाओं के साथ हाल ही में रायपुर के घड़ी चौक पर विरोध प्रदर्शन किया। महिलाओं ने सड़क पर शराब की बोतलें फोड़ी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार पूर्ण शराबबंदी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो छत्तीसगढ़ी महिला संघ का यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

भविष्य में आंदोलन और भी उग्र तरीके से किया जाएगा। महिला संघ की योगेश्वरी ने कहा कि समाज में शराब के सबसे बुरे प्रभाव महिलाएं झेलने को मजबूर हैं। शराब के कारण घरेलू हिंसा, बलात्कार, लूट, आर्थिक तंगी जैसे जघन्य अपराधों की मुख्य शिकार महिलाएं ही होती हैं।

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