जियो और जीने दो… रोते हुए महबूबा ने भारत-पाकिस्तान से की ये अपील

भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन बढ़ती जा रही है. पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन से हमला किया, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया. इस बीच पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों से शांतिपूर्ण समाधान खोजने की अपील की है. उन्होंने सैन्य हस्तक्षेप नहीं बल्कि राजनीतिक हस्तक्षेप की जरूरत बताई है.

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महबूबा ने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है, दुर्भाग्य से यह सीमा के दोनों ओर निर्दोष लोगों की जान ले रहा है. इस मुश्किल समय में, मेरा दृढ़ विश्वास है कि संयम बहुत जरूरी है. दोनों देशों के नेताओं और सैन्य कमांडरों को स्थिति को कम करने के लिए एक साथ आना चाहिए और इस संघर्ष के परिणाम भुगत रहे निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा और भलाई को प्राथमिकता देनी चाहिए. शांतिपूर्ण समाधान खोजना और जानमाल के और नुकसान को रोकना जरूरी है.’

उन्होंने कहा, ‘जैसा कि आप सभी भारत और पाकिस्तान के बीच की स्थिति से अवगत हैं. सीमा पर लोग, महिलाएं और बच्चे बेघर हो रहे हैं और भयभीत हैं. दोनों तरफ से नागरिक मारे जा रहे हैं, जिन्होंने कभी इस कार्रवाई का समर्थन नहीं किया. चाहे पुलवामा हो या पहलगाम, दोनों ने हमें खतरे के कगार पर ला खड़ा किया है. इसका कोई समाधान नहीं होगा.’

पीडीपी प्रमुख ने कहा, ‘मैं दोनों नेतृत्वों से हमलों को रोकने का आग्रह करती हूं क्योंकि हमारे बच्चे मारे जा रहे हैं.’ ये बात कहते हुए महबूबा मुफ्ती भावुक हो गईं और उनके आंसू छलक पड़े. उन्होंने कहा, ‘दोनों देश कुछ हद तक बराबर नुकसान का दावा कर रहे हैं, तो वे हमारे बच्चों को क्यों मार रहे हैं. मैं प्रधानमंत्री मोदी से अपील करती हूं जिन्होंने यूक्रेन युद्ध के समय कहा था कि जब उन्होंने हस्तक्षेप किया तो युद्ध का रुक गया.’

महबूबा मुफ्ती ने मीडिया पर बोला हमला

इसके अलावा उन्होंने मीडिया पर हमला किया और कहा, ‘मैं दोनों तरफ के मीडिया से अनुरोध करती हूं. उन्होंने सारी हदें पार कर दीं. कुछ लोगों ने प्रसारित किया कि इस्लामाबाद नष्ट हो गया. इसकी भूमिका लोगों को ठीक करने की होनी चाहिए, हालांकि वे ऐसा नहीं कर रहे हैं, लोगों को डरा रहे हैं. दोनों देशों के दावे एक दूसरे के विपरीत हैं, लेकिन असली कहानियां दोनों देशों के अस्पतालों की हैं. जियो और जीने दो, उन्हें (पाकिस्तान) शांति से रहना चाहिए और दूसरों को भी शांति से रहने देना चाहिए.’ असल कारण का इलाज करने के लिए सेना कोई समाधान नहीं है.’

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