लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली पर की गई टिप्पणी पर भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अरुण जेटली एक सम्मानित नेता थे. हर दल के लोग उनका सम्मान करते थे. राहुल गांधी ने अरुण जेटली पर आरोप लगाया था कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्होंने उन्हें धमकी दी थी.
इस मामले पर भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने ians से बात करते हुए कहा कि अरुण जेटली का सभी राजनीतिक दलों में बहुत सम्मान और आदर था. उन्होंने हमेशा राजनीति से ऊपर उठकर कई मुद्दों पर अपनी राय रखी और सभी को साथ लेकर चले. लेकिन आज कांग्रेस पार्टी की राजनीति डर और धोखे पर आधारित है, जिसका उद्देश्य भ्रम फैलाना है और कांग्रेस स्वयं भ्रम में जी रही है. कांग्रेस में अब केवल यही सच्चाई बची है कि उनका बोला गया हर शब्द झूठ है.
लोग राजनीति से ऊपर उठकर सम्मान करते थे: अनुराग ठाकुर
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि कांग्रेस में बस एक यही सच है कि उनकी हर बात झूठ है. अरुण जेटली हम जैसे अनेकों कार्यकर्ताओं के लिए अभिभावक समान थे. लोग दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका सम्मान करते थे, उनके अनुभव का लाभ लेते थे. जिन्होंने देश को इतना कुछ दिया उनके बारे में राहुल गांधी इतना बड़ा झूठ आख़िर कैसे बोल सकते हैं? राहुल गांधी कहते हैं कि जब मैं कृषि कानूनों से लड़ रहा था तब जेटली ने मुझे धमकाया था? राहुल गांधी सफेद झूठ बोल रहे हैं, क्योंकि 24 अगस्त 2019 को अरुण जेटली का निधन हुआ जबकि कृषि कानून लोकसभा में 17 सितम्बर 2020 व राज्यसभा में 20 सितंबर 2020 को आया था
हमीरपुर से सांसद ठाकुर ने आगे कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी एक अलग ही काल्पनिक दुनिया में रहते हैं जहां सच और तथ्य की कोई जगह नहीं है. देश भर में मानहानि के कई मामले उनके ऊपर चल रहे हैं. उन्हें अरुण जेटली के परिवार और देश से माफी मांगनी चाहिए.
अरुण जेटली के बेटे ने क्या कहा?
अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने अब राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके पिता का स्वभाव किसी को धमकाने का नहीं था. वह एक कट्टर लोकतांत्रिक व्यक्ति थे. मैं उन्हें याद दिला दूं कि मेरे पिता का देहांत 2019 में हुआ था. कृषि कानून 2020 में पेश किए गए थे. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे पिता का स्वभाव किसी को भी विरोधी विचार के लिए धमकाना नहीं था. वह एक कट्टर लोकतांत्रिक व्यक्ति थे और हमेशा आम सहमति बनाने में विश्वास रखते थे.