जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपनी बिहार बदलाव यात्रा के क्रम में रविवार को भारी बारिश के बीच पूर्वी चंपारण के कोटवा पहुंचे. कोटवा हाई स्कूल मैदान में जनसभा के बाद उन्होंने बारिश में भींगते हुए ही मीडिया के सवालों के जवाब दिए. साथ ही लगभग दो किलोमीटर तक पदयात्रा भी की.
पीके जनसभा में आई लोगों की भीड़ पर क्या कहा?
भारी बारिश के बावजूद जनसभा में आई लोगों की भीड़ के बारे में पूछे जाने पर प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता गरीबी से निकलने का रास्ता जानने के लिए एक दिन बारिश में भी भींगने को तैयार है. चाहे गर्मी हो या बारिश हो, हजारों लोग किसी नेता को या मुझे सुनने नहीं आ रहे हैं. लोग यह जानने आ रहे हैं कि चुनाव के बाद उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा कैसे मिलेगी, युवाओं को 10-12 हजार रुपये का रोजगार कैसे मिलेगा, इसका रास्ता सीखने आ रहे हैं.
हम यहां जामवंत की भूमिका में हैं, जनता हनुमान है. हम उन्हें बता रहे हैं उनकी हाथ की ताकत से कैसे जीवन बदल सकता है. प्रशांत किशोर ने एक सवाल एक जवाब में पश्चिम चंपारण के सांसद संजय जायसवाल पर फिर से हमला बोला. संजय जायसवाल के जरिए जन सुराज के 80% से अधिक लोगों को उग्रवादी कहे जाने पर प्रशांत किशोर ने करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को उग्रवादी कहने वाले नेताओं को क्या ही कहें? ऐसे लोगों का जनता ही जुगाड़ करेगी
चुनाव आयोग जरिए SIR के बाद ड्राफ्ट मतदाता सूची में करीब 65 लाख लोगों का नाम काटने के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि जिनका नाम कट गया है, उनके लिए हम लड़ाई लड़ेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि इनके अलावा जिन लोगों का भी नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में रह गया है, वही लोग नीतीश कुमार और भाजपा को उखाड़ फेंकेंगे. अब इनको बचाने वाला कोई नहीं है.
प्रशांत किशोर ने पूर्वी चंपारण की जनता से कई बड़े वादे किए और कहा, छठ के बाद 50 लाख युवाओं को बिहार में ही मिलेगा 12 हजार रुपये तक का रोजगार, सभी बुजुर्गों को 2000 रुपये मासिक पेंशन, बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा मिलेगी. इससे पहले प्शांत किशोर ने जनसभा में लोगों से कहा कि इस बार अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट कीजिए.
‘बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी’
उन्होंने इस साल बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी. छठ के बाद पूर्वी चंपारण के युवाओं को 10-12 हजार रुपये की मजदूरी करने के लिए अपना घर-परिवार छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा. बिहार भर के ऐसे 50 लाख युवाओं को वापस बुलाकर उन्हें यहीं 10-12 हजार रुपये का रोजगार दे दिया जाएगा.