कवर्धा में गौवंशों की स्थिति को लेकर स्थानीय जनता में आक्रोश देखने को मिला। सोमवार को नगर पालिका कार्यालय के सामने लोगों ने सैकड़ों गोवंश को लाकर खड़ा किया और नगर पालिका के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने तत्काल व्यवस्था सुधारने और गोवंशों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।
पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई नरवा, गुरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजना के तहत कुछ चारागाह बनाए गए थे, जिन्हें गुरुवा कहा जाता है। इन चारागाहों में मवेशियों को रखा जाता था, लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी गौवंशों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। शहर में बेसहारा गोवंश अक्सर सड़कों पर घूमते हैं, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं और आम लोगों तथा वाहन चालकों के लिए खतरा पैदा हो रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही नगर पालिका और जिला प्रशासन की ओर से स्थायी व्यवस्था और गोवंशों की देखभाल नहीं की गई, तो वे उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। उनका कहना था कि गौ पालक अक्सर शहर में गाय छोड़ देते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है।
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश चन्द्रवंशी और भाजपा पार्षदों ने गौवंशों को चारा खिलाया और उनकी आरती उतारी। नगरपालिका अध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान में नगर पालिका अपनी क्षमता के अनुसार लगभग 200 मवेशियों का संरक्षण कर रही है।
हालांकि, प्रदर्शनकारियों का मानना है कि यह पर्याप्त नहीं है और प्रशासन को गंभीरता से इस मुद्दे को सुलझाना होगा। कवर्धा शहर के मुख्य बाजार, चौराहों और सार्वजनिक मार्गों पर बैठे रहने वाले गोवंश न केवल शहरवासियों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं, बल्कि सड़क हादसों की भी मुख्य वजह बन रहे हैं।
प्रदेश में इस मुद्दे को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस ने गौ सत्याग्रह का ऐलान किया है और सरकारी दफ्तरों में पशु रखने की चेतावनी दी है। वहीं, सरकार ने आवारा गायों की सुरक्षा के लिए गोवंश अभ्यारण्य बनाने की योजना बनाई है।
स्थानीय लोग और पशु प्रेमी दोनों ही प्रशासन से उम्मीद कर रहे हैं कि शहर और आसपास के गांवों में गोवंश की सुरक्षा और देखभाल के लिए स्थायी व्यवस्था जल्द लागू की जाएगी, ताकि भविष्य में दुर्घटनाओं और संकट से बचा जा सके।