लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम चरण के लिए 1 जून को वोट डाले जाएंगे. अंतिम एवं सातवें चरण के लिए जिन प्रदेशों में वोट डाले जाएंगे उनमें से है पंजाब के 13 लोकसभा सीट भी शामिल हैं. पंजाब के सभी 13 लोकसभा सीट के लिए अंतिम चरण यानी की सातवें चरण में वोट डाले जाएंगे. सभी पार्टियों ने पंजाब जीतने के लिए एक तरह से प्रदेश में अपना कैंप लगा दिया है. भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता चुनाव प्रचार के लिए लगातार पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में प्रचार कर कर रहे हैं. तीनों पार्टियों के द्वारा युद्ध स्तर पर किए जा रहे चुनाव प्रचार को लेकर के शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने जबरदस्त तंज कसा है. बादल ने कहा है कि ‘ आज लगभग सभी राष्ट्रीय पार्टियों के अध्यक्ष पंजाब के दौरे पर हैं मैं उन सभी से पूछना चाहता हूं कि आप पंजाब में वोट मांगने आए हैं आपकी पार्टी ने पंजाब का पानी छीन लिया अकाली दल पंजाबियों की पार्टी है और अगर यह पार्टी मजबूत होती है तो हम सभी मजबूत होंगे दिल्ली की सभी राजनीतिक दल से दूर रहें’.
जाहिर है कि पंजाब में मुख्य तौर पर चार दल चुनाव लड़ रही है. आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन हरियाणा, दिल्ली और गुजरात में हुआ है. लेकिन पंजाब में यह दोनों ही पार्टी आमने-सामने चुनाव लड़ रही हैं. पंजाब में चुनाव प्रचार के दौरान AAP और कांग्रेस नेताओं के बीच जबरदस्त जुबानी जंग भी देखने को मिल रही है. जानकारों की माने तो यहां मुख्य तौर पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में मुकाबला है लेकिन भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. चौतरफा मुकाबले में राजनीतिक चमत्कार होने की पूर्ण संभावना है. लोकसभा चुनाव 2019 में शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ रही थी लेकिन इस चुनाव में भाजपा और शिरोमणि अकाली दल भी आमने-सामने है.
किसान आंदोलन के दौरान पंजाब से भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार के विरुद्ध सबसे तेज आवाज उठी थी. इसी को देखते हुए शिरोमणि अकाली दल क्षेत्रीय मुद्दा उठाकर यह बताने की कोशिश में लगी है कि पंजाब और पंजाबियों की हक के लिए वही लड़ सकती है. कृषि कानून के विरुद्ध शिरोमणि अकाली दल के कोटे से मोदी सरकार में शामिल मंत्री ने अपना इस्तीफा भी दे दिया था. लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले एक बार फिर भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के बीच गठबंधन की सुगबुगाहट तेज हुई थी. लेकिन दूसरी बार किसान अपने मांगों को लेकर के सड़क पर उतरे जिसके बाद गठबंधन पर बात नहीं बन सकी. हालांकि लोकसभा चुनाव 2024 का चुनाव परिणाम अगर NDA के पक्ष में आता है तो इस बात की संभावनाएं लगाई जा रही है की शिरोमणि अकाली दल एक बार फिर एनडीए का हिस्सा हो सकती है.