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लोकायुक्त पुलिस को सौरभ की 50 से ज्यादा बेनामी संपत्तियों का सुराग, दुबई में प्रॉपर्टी की भी जांच जारी..

पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके करीबी चेतन सिंह गौर के यहां लोकायुक्त छापे में मिले दस्तावेजों को खंगाल रही लोकायुक्त पुलिस को 50 से अधिक बेनामी संपत्तियों का पता लगा है। इनमें अधिकतर जमीनें होने की जानकारी है।

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जिनके नाम संपत्ति है, उनसे पुलिस पूछताछ कर रही है। इसके बाद इन संपत्तियों को बेनामी घोषित किया जाएगा। इसके साथ ही, दुबई में भी सौरभ की संपत्ति का पता लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

कई किरदार गायब

लोकायुक्त पुलिस अभी तक चेतन सिंह गौर और सौरभ की मां उमा शर्मा से पूछताछ कर पाई है। मामले में कई किरदार अभी गायब हैं। सौरभ के नजदीकी रिश्तेदार भी पुलिस के रडार पर हैं। चेतन ने पहले पुलिस और आयकर विभाग को पूछताछ में बताया था कि सौरभ ने उसके नाम से फिशरीज का ठेका और पेट्रोल पंप लिया था।

कार में 54 किलो सोना मिला था

लोकायुक्त छापे के अगले दिन जिस कार में 54 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद मिले थे, वह भी चेतन के नाम थी, पर उसने बताया था कि कार का उपयोग सौरभ और उसके कार्यालय के लोग कर रहे थे।

दुबई में भी बेनामी संपत्ति होने और अतिरिक्त बैंक लाकरों के संबंध में लोकायुक्त पुलिस को सौरभ से पूछताछ के बाद जानकारी मिलने की संभावना है। लोकायुक्त छापे के पहले से ही सौरभ का पता नहीं है। उसके विरुद्ध लुकआउट सर्कुलर भी जारी है।

अग्रिम जमानत याचिका खारिज

जिला न्यायालय भोपाल से उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है, ऐसे में सौरभ का पुलिस के सामने समर्पण के आसार बढ़ गए हैं। सौरभ शर्मा की बेनामी संपत्तियों की आयकर और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर रहा है। इन दोनों एजेंसियों की जांच भी सौरभ से पूछताछ नहीं हो पाने के कारण आगे नहीं बढ़ पा रही है।

बेनामी संपत्ति राजसात होगी

भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत बेनामी को आय से अधिक संपत्ति में शामिल किया जाता है। भ्रष्टाचार निवारण की विशेष न्यायालय के आदेश से ऐसी संपत्तियों को राज्य सरकार राजसात कर लेती है। सौरभ की बेनामी संपत्तियां मिलने पर भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

10 सवालों का 20 दिन बाद भी नहीं मिला जवाब

पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता अरुण यादव ने कहा है कि सौरभ शर्मा के यहां लोकायुक्त छापा और परिवहन घोटाले में मिला 54 किलो सोना, करोड़ों रुपये नगद एवं बेनामी संपत्ति के मामले में एक माह बाद भी कोई बड़ी कार्रवाई नजर नहीं आई है। उन्होंने कहा कि मैंने 20 दिन पहले भी सरकार से 10 प्रश्न किए थे, जिनका उत्तर आज तक नहीं मिल पाया है।

मीडिया से बातचीत में उन्होंने सौरभ की परिवहन विभाग में नियुक्ति, उसकी गिरफ्तारी नहीं होने, उसके यहां कथित तौर मिली डायरी को सार्वजनिक करने, विभागीय जांच की स्थिति, ईओडब्ल्यू में हुई शिकायत को जांच में क्लीन चिट देने पर प्रश्न उठाए थे।

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