भरथना : भरथना थाना क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल की महिला प्रधानाध्यापक की आत्महत्या का मामला अब एक गहरी साजिश और शोषण की कहानी में बदलता जा रहा है.23 जुलाई को हुई इस घटना को पहले सामान्य खुदकुशी माना गया था, लेकिन अब जो तथ्य सामने आए हैं, वे रौंगटे खड़े कर देने वाले हैं.
शादी का झांसा देकर फंसाया, फिर किया शारीरिक-मानसिक शोषण
मृतका के परिजनों ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसी स्कूल में तैनात एक शिक्षक राहुल ने महिला प्रधानाध्यापक को पहले प्रेमजाल में फंसाया.उसने शादी का झांसा देकर मृतका का विश्वास जीता और फिर शारीरिक एवं मानसिक शोषण शुरू कर दिया.इस दौरान उसने महिला के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो भी बना लिए, जिन्हें वायरल करने की धमकी देकर वह उसे लगातार ब्लैकमेल करता रहा.
प्लॉट बिकवाया, घर बनवाया और फिर धोखा
परिजनों के मुताबिक राहुल ने मृतका के बैंक खाते का एटीएम कार्ड और यूपीआई एक्सेस अपने पास रख लिया था. वह लगातार उसके खाते से पैसे निकालता रहा.मृतका ने वर्षों की कमाई से जो प्लॉट खरीदा था, उसे भी बेचने के लिए राहुल ने दबाव बनाया.उस पैसे से राहुल ने अपने लिए मकान बनवाया, लेकिन जब महिला ने उस मकान में रहने की बात कही तो उसे पता चला कि राहुल पहले से शादीशुदा है.
पहले भी की थी आत्महत्या की कोशिश
इस खुलासे के बाद शिक्षिका गहरे अवसाद में चली गई थी. उसने स्कूल जाना बंद कर दिया और एक बार तो नस काटकर जान देने की कोशिश भी की थी.हालांकि, उस समय परिजनों ने उसे बचा लिया था.लेकिन राहुल के लगातार ब्लैकमेल और धमकियों के चलते उसका मानसिक संतुलन बिगड़ता गया.
डिजिटल सबूतों ने खोला पूरा मामला
पुलिस ने जब मृतका का टेबलेट और मोबाइल फोन खंगाले, तो उसमें कई चैट्स, कॉल रिकॉर्डिंग्स और ऑडियो क्लिप्स मिले, जो राहुल द्वारा की गई ब्लैकमेलिंग और धमकियों की पुष्टि करते हैं.इन साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने जांच तेज कर दी है.
एसपी ग्रामीण बोले: नहीं बचेगा दोषी
एसपी ग्रामीण श्री श्रीश चंद्र ने कहा, “मामला अत्यंत संवेदनशील और गंभीर है.अब तक जो डिजिटल सबूत मिले हैं, वे स्पष्ट संकेत देते हैं कि शिक्षिका को लंबे समय से प्रताड़ित किया जा रहा था.यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो आरोपी शिक्षक के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”
परिजनों की मांग – मिले न्याय, हो सख्त सजा
मृतका के परिजनों और स्थानीय महिलाओं ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो.