90 घंटे काम की सलाह देने वाले L&T चेयरमैन का बड़ा फैसला, महिलाओं के लिए पीरियड लीव का ऐलान..

आमतौर पर पीरियड्स के समय में महिलाओं को काफी देर तक काम करने में कठिनाई होती है. ऐसे में उनके मुश्किल दिनों को आसान करने के लिए लार्स एंड टुब्रो कंपनी की ओर से राहत देने वाला फैसला लिया गया है. कंपनी में काम करने वाली महिलाओं के लिए पीरियड्स के समय में एक दिन की छुट्टी की घोषणा की गई है. इस कंपनी में 60,000 कर्मचारियों में महिला कर्मचारी लगभग 9 प्रतिशत हैं. उनके इस फैसले से लगभग 5 हजार महिलाओं को फायदा मिलेगा.

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ऐसे में लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने घोषणा की है कि पैरेंट ग्रुप की कंपनी में काम करने वाली महिलाओं को पीरियड्स के दिनों में एक दिन की छुट्टी ले सकेंगी. इससे पहले 2024 में ओडिशा में भी सरकारी और प्राइवेट दोनों ही सेक्टर में काम करने वाली महिलाओं को एक दिन के पीरियड्स लीव का नियम लाया गया था. पीरियड्स लीव लाने वाला सबसे पहला राज्य बिहार है.

कर्नाटक में साल में 6 दिन की छुट्टी

कर्नाटक राज्य में भी प्राइवेट और सरकारी दोनों क्षेत्रों में महिलाओं के लिए पीरियड्स लीव के लिए साल में छह दिन देने पर विचार कर रहा है. इसके लिए मसौदा विधेयक तैयार करने की बात की जा रही थी.

इस विधेयक का नाम महिलाओं का मासिक धर्म छुट्टी का अधिकार और मासिक धर्म स्वास्थ्य उत्पादों तक मुफ्त पहुंच रखा गया है. इस विधेयक के पारित हो जाने से महिलाओं को शारीरिक और मानसिक तौर पर झेलने वाली चुनौतियों से राहत मिलेगी. इस पर सरकार की ओर से नियुक्त समिति काम करेगी.

सप्ताह में 90 घंटे काम

एल एंड टी में पीरियड्स के समय छुट्टी की पहल के पहले चेयरमैन सुब्रह्मण्यन ने एक हफ्ते में 90 घंटे काम करने का सुझाव कर्मचारियों को दिया था. उन्होंने कि घर में पत्नियों को घूरने जैसे विवादित बयान दिए थे, जिसके बाद उन्हें कड़ी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा था. कंपनी के कर्मचारियों के साथ बातचीत के दौरान, उन्होंने कहा था कि ये उनकी इच्छा है कि वो रविवार सहित हर दिन के काम को मिलाकर 90 घंटे काम करवा सकते हैं.

किन राज्यों में है पीरियड्स लीव

भारत में बिहार, केरल, सिक्किम के साथ-साथ ओडिशा में महिलाओं को पीरियड् के दिनों में छुट्टी दी जाती है. बिहार में 45 साल तक की महिलाओं को पीरियड्स लीव दिया जाता है.

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