ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कश्मीर की आजादी पर एक बहस का आयोजन किया गया था. इस पर ब्रिटिश हिंदुओं ने आपत्ति जताई थी. ब्रिटिश हिंदुओं और भारतीय सामाजिक आंदोलन ‘इनसाइट यूके’ ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड यूनियन के बाहर ‘यह सदन कश्मीर के स्वतंत्र राज्य में विश्वास करता है’ शीर्षक वाली बहस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस बीच, गुरुवार को आयोजित हुए कार्यक्रम में एक भारतीय छात्र ने खड़े होकर हस्तक्षेप किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
इस भारतीय छात्र का नाम आदर्श मिश्रा है, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ का रहने वाला है. वह पिछले 10 सालों से यूके में रह रहा है. वह ऑक्सफोर्ड यूनियन का सदस्य है और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का पूर्व छात्र है. बहस के दौरान उसने कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार का मुद्दा उठाया और कहा कि ऑक्सफोर्ड यूनियन का अध्यक्ष आईएसआई की कठपुतली है. उसने आरोप लगाया कि उस बहस में भारत का पक्ष नहीं सुना जा रहा था.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
लखनऊ के आदर्श ने बीच डिबेट में लगा दी फटकार
गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में लखनऊ के आदर्श मिश्रा नजर आ रहे हैं. उन्होंने टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत के दौरान बताया कि वहां एक डिबेट चल रही थी, मैंने उसमें बाधा डाली, वहां एक प्रतिबंधित संगठन को बुलाया गया था. ये मुझे बर्दाश्त नहीं हुआ. डिबेट में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए JKLF को बुलाया गया था, कश्मीर नरसंहार का आरोपी फारूक अहमद डार इसका सदस्य है.
उन्होंने कहा कि वहां भारत का पक्ष नहीं रखा जा रहा था, इसलिए मैंने लोगों को साफ कर दिया कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा. आदर्श मिश्रा ने बताया कि ऐसा लग रहा था जैसे पाकिस्तान की ISI ने वहां डिबेट आयोजित की हो. आदर्श ने बताया कि उन्हें कश्मीर के प्रवासियों से लगाव है, और पिछले साल वो कश्मीर भी गए थे. ऑक्सफोर्ड में जो डिबेट चल रही थी, उसमें कश्मीरी पंडितों की राय नहीं सुनी गई, डिबेट एकतरफा थी, इसलिए मैंने भारत का पक्ष रखा.
इस्लामोफोबिक कहलाने से मुझे डर नहीं लगता
आदर्श ने बताया कि मुझे डर था कि लोग मुझे इस्लामोफोबिक कहेंगे, लेकिन जब मैंने कश्मीर नरसंहार के पीड़ितों को याद किया तो मेरा डर बहुत छोटा लगा. मैंने यह भी कहा कि अगर भविष्य में मेरे विचार व्यक्त करने पर मुझे कुछ हुआ तो इसके लिए ऑक्सफोर्ड, पाकिस्तान की आईएसआई जिम्मेदार होगी. उन्होंने बड़ा दावा करते हुए कहा कि मुझे पहले डिबेट में जाने से रोका गया. यहां तक कि मेरी सदस्यता रद्द करने की धमकी भी दी गई.
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद वे वहां गए. वे वहां पाकिस्तान की राय सुनने नहीं गए थे. शो से पहले उन्हें निशाना बनाया गया. आदर्श ने कहा, ‘अगर कश्मीर पर बात करना संघी, कट्टरपंथी है तो मुझे यह स्वीकार है.’ इसके बाद उन्होंने अटल बिहारी की एक कविता का हवाला दिया, ‘यह मत सोचो कि तुम हमलों, अत्याचारों, नरसंहारों से भारत का सिर झुका दोगे.’ आदर्श ने TV9 से कहा- एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे.
लंदन के छात्र सत्यम सुराना नफरत के शिकार हुए
ब्रिटेन में पढ़ रहे भारतीय छात्र सत्यम सुराना भी कुछ इसी तरह के शिकार हुए हैं. पिछले साल उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें बदनाम करने के लिए नफरत भरा अभियान चलाया जा रहा है. लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में छात्र संघ चुनाव में उन्हें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि चुनाव से कुछ घंटे पहले उन्हें बीजेपी से जोड़ा जाने लगा और बहिष्कार की मांग भी की गई. उन्होंने खालिस्तानियों का विरोध किया था और जमीन से तिरंगा फहराया था.
गुरुवार को जब आदर्श का वीडियो वायरल हुआ तो उन्होंने कहा कि इन दिनों प्रतिष्ठित पश्चिमी विश्वविद्यालय अकादमिक स्वतंत्रता और बुद्धिजीवियों के नाम पर भारत विरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों का मंच बन गए हैं. सत्यम ने आगे कहा कि आदर्श मिश्रा ने जो किया वह सराहनीय और साहसी कार्य है. भारतीय छात्र अब पश्चिमी शैक्षणिक परिसरों में आईएसआई और उसके गुर्गों द्वारा फैलाए जा रहे वैश्विक भारत विरोधी दुष्प्रचार के मूक दर्शक नहीं रहेंगे और अपनी आवाज उठाते रहेंगे.
कश्मीर फाइल्स के निर्देशक ने किया था विरोध
द कश्मीर फाइल्स फिल्म के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने भी ऑक्सफोर्ड को आईना दिखाया है. हाल ही में जब ऑक्सफोर्ड ने उन्हें अपने यहां बोलने के लिए आमंत्रित किया था तो उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनियन के निमंत्रण को ठुकरा दिया था. उन्हें ऑक्सफोर्ड ने कश्मीर की आजादी पर बात करने के लिए आमंत्रित किया था.