उज्जैन के खाचरोद में एटीएम से 22 लाख 93 हजार रुपए से ज्यादा की चोरी के मामले का मास्टरमाइंड मेंटेनेंस कर्मचारी निकला। एमएससी (आईटी) डिग्रीधारी आरोपी ने वारदात को अपने दोस्त के साथ मिलकर अंजाम दिया था। पुलिस ने एफआईआर दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
घटना खाचरोद थाने से महज 500 मीटर दूर बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम में 28-29 जुलाई की दरमियानी रात की है। इसका खुलासा 5 अगस्त को हुआ, जब बैंककर्मी रुपए जमा करने वाली डिपॉजिट मशीन से कैश निकालने पहुंचे। उन्हें डिपॉजिट मशीन के पास लगे एटीएम में कैसेट नहीं मिली। एटीएम गैलरी के सीसीटीवी कैमरों पर काले रंग का स्प्रे लगा था।
काला हेलमेट और रेनकोट पहनकर घुसे
उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया, ‘5 अगस्त को बैंक के ब्रांच मैनेजर नीलकमल पांचाल ने एफआईआर दर्ज कराई थी। बताया था कि एटीएम से पासवर्ड वाला दरवाजा, कैश रखने के चार कैसेट और 22 लाख 93 हजार 100 रुपए चोरी हुए हैं।
सीसीटीवी कैमरे चैक किए तो 28- 29 जुलाई की रात एक से दो बजे के बीच दो लोग एटीएम में घुसते दिखे। वे काले रंग का हेलमेट और रेनकोट पहने थे। एक शख्स ने सीसीटीवी कैमरों पर स्प्रे किया जबकि दूसरा मशीन से छेड़छाड़ करता दिखाई दिया। 10 मिनट में ही दोनों काले रंग के बैग में सामान भरकर ले जाते दिखाई दिए।’
कुछ रुपए दोस्त को दिए, बाकी रिश्तेदार के घर छिपाए
जांच के दौरान साफ हो गया कि जिसने भी चोरी की है, वो एटीएम मशीन के बारे में पूरी जानकारी रखता है। मशीन में कोई तोड़फोड़ नहीं की गई थी। इसे पासवर्ड डालकर खोला गया था। बैंककर्मियों से पूछताछ में पता लगा कि प्राइवेट एजेंसी ने 26 जुलाई को ऋतुराज सिंह को एटीएम के मेंटनेंस के लिए भेजा था।
इस इनपुट के आधार पर पुलिस ने ऋतुराज को हिरासत में ले लिया। पहले तो उसने पुलिस को भ्रमित करने की कोशिश की, लेकिन सख्ती बरतने पर टूट गया। उसने शुभम जोशी के साथ एटीएम में चोरी करने की बात स्वीकार कर ली। उसने बताया कि चोरी की गई रकम में से कुछ रुपए बिना गिने शुभम को दिए थे। बाकी आगर मालवा के नलखेड़ा में अपने रिश्तेदार के घर छिपाए थे।
मेंटनेंस के दौरान चुपके से देख लिया था पासवर्ड
ऋतुराज सिंह ने बताया कि वह 26 जुलाई की शाम करीब 5 बजे बैंककर्मियों के साथ मेंटेनेंस के लिए एटीएम गैलरी गया था। इसी दौरान एक बैंककर्मी ने मशीन को खोला था। उसी समय ऋतुराज ने पासवर्ड देख लिया था। बाद में इसे लिखकर रख लिया।
इसी पासवर्ड की मदद से 28-29 की रात मशीन खोलकर चोरी को अंजाम दिया।