ट्रिपल IT में डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर M.Tech:सीएम IT फेलोशिप के तहत 50 हजार रुपए भी मिलेंगे

ट्रिपल आईटी नया रायपुर में इस शैक्षणिक सत्र से एक महत्वाकांक्षी और नवाचार-प्रधान कार्यक्रम की शुरुआत होने जा रही है। संस्थान के निदेशक डॉ. ओ.पी. व्यास ने जानकारी दी है कि डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में एमटेक कार्यक्रम की शुरुआत इसी वर्ष से की जाएगी।

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इसके तहत छात्रों को उच्च स्तरीय तकनीकी शिक्षा के साथ हैंड्स-ऑन प्रोजेक्ट्स से भी जोड़ा जाएगा, ताकि सिद्धांत के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान भी हासिल हो सके। इस पहल के तहत चिप्स और ट्रिपलआईटी के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू हस्ताक्षरित होने जा रहा है। इसके अंतर्गत छात्रों को सीएम आईटी फेलोशिप के तहत 50000 रुपए प्रतिमाह स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी। इस फेलोशिप का उद्देश्य प्रदेश के प्रतिभावान आईटी छात्रों को आकर्षित करना और उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार की डिजिटल परियोजनाओं से जोड़ना है।

डेटा साइंस और एआई जैसे विषयों में भविष्य की असीम संभावनाएं हैं। डॉ. व्यास ने कहा, अगर एआई कुछ नौकरियों को समाप्त कर रहा है, तो वह नई नौकरियों के द्वार भी खोल रहा है। हमें एआई के सॉफ्टवेयर को डिजाइन, मॉडल और मैनेज करने के लिए प्रशिक्षित इंजीनियरों की जरूरत है। यह एमटेक प्रोग्राम ऐसे ही एआई इंजीनियर्स तैयार करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्यक्रम भविष्योनुमुखी सोच का परिणाम है, जो राज्य को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ युवाओं को ग्लोबल स्तर की शिक्षा और अनुभव देगा

जो सीखा, उसका कार्यान्वयन

डॉ. व्यास ने बताया कि यह कार्यक्रम विशुद्ध रूप से इंडस्ट्री-इंटीग्रेटेड होगा। छात्र कक्षा में थ्योरी सीखेंगे और तुरंत ही उसका सीधा प्रयोग प्रोजेक्ट्स में करेंगे। यानी यहां पारंपरिक क्लासरूम-से-क्लासरूम पढ़ाई नहीं होगी जो सीखा, वही तुरंत कार्यान्वयन में लाओ। यदि किसी छात्र को प्रोजेक्ट में कठिनाई आती है, तो वह वापस संस्थान में आकर स्पष्टीकरण और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेगा। इस तरह शिक्षण एक दोतरफा संवाद में परिवर्तित होगा, जिसमें ज्ञान केवल पढ़ाया नहीं जाएगा, बल्कि साथ-साथ लागू भी किया जाएगा।

युवाओं के भविष्य को आकार देने का कार्य

डॉ. ओपी व्यास, डायरेक्टर ट्रिपलआईटी: इस प्रयास से जहां एक ओर छात्र उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षण और प्रैक्टिकल स्किल्स प्राप्त करेंगे, वहीं दूसरी ओर प्रदेश को ऐसे युवा तकनीकी पेशेवर मिलेंगे जो शासन की परियोजनाओं में योगदान दे सकेंगे। इस तरह का मॉडल देशभर में उदाहरण बन सकता है, जहां शिक्षा, उद्योग और प्रशासन तीनों मिलकर साझा मंच पर युवाओं के भविष्य को आकार देने का कार्य कर रहे हैं।

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