यूपी में मदरसों के आतंकी कनेक्शन को लेकर अक्सर आरोप लगाते रहते हैं, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज के एक मदरसे से ऐसा सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जो हैरान कर देने वाला है. यह मदरसा नकली नोट छापने का कारखाना बना हुआ था. प्रयागराज पुलिस ने मदरसे से संचालित होने वाले नकली नोट छापने के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था. नकली नोट छापने का कारखाना बना यह मदरसा प्रयागराज शहर के अतरसुइया इलाके में स्थित है. मदरसे का नाम जामिया हबीबिया है. यहां बड़ी तादाद में स्टूडेंट तालीम हासिल करते हैं. मदरसे के एक हिस्से में मस्जिद भी है.
दरअसल, मदरसे में 28 अगस्त को पुलिस ने छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए. छापेमारी के दौरान पुलिस को सिर्फ जाली नोट और जाली नोट छापने की मशीन ही नहीं मिली थी, बल्कि पुलिस को कुछ आपत्तिजनक किताबें भी मिली हैं. पुलिस छापेमारी के दौरान की एक्सक्लूसिव तस्वीरें मिली हैं. ऐसी ही एक किताब इस मदरसे में मिली, जिसमें आरएसएस के खिलाफ बातें लिखी हुई हैं.
ये किताब महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एसएम मुशर्रफ द्वारा लिखी गई है. जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र के रिटायर आईजी मुशर्रफ ने मुंबई 26/11 को लेकर भी कई आपत्तिजनक किताबें लिखीं थीं. ये सभी किताबें ऑनलाइन भी बिक रही हैं.
जाली नोट और RSS के खिलाफ किताब का कनेक्शन क्या?
अब सवाल उठता है कि आतंकी संगठन बताते हुए लिखी इस किताब का मकसद क्या था? इसकी पुलिस जांच कर रही है. लेकिन सूत्रों की मानें तो इस मदरसे में पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों के नौजवान पढ़ने के लिए आते थे. ऐसे में संघ के खिलाफ जहर घोलने वाले किताब की मदरसे से बरामदगी और मदरसे में जाली नोट की फैक्ट्री का क्या कनेक्शन है, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. पुलिस ये जांच भी कर रही है कि क्या मदरसे में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के दिमाग में संघ के खिलाफ जहर तो नहीं भरा जा रहा था.
आरोपियों पर एनएसए की तैयारी में पुलिस
उधर, इस मामले में पुलिस का एक्शन शुरू हो गया है. प्रयागराज पुलिस ने सभी आरोपियों को आगे की पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड के लिए कोर्ट में अर्ज़ी दी है. जांच में तथ्यों के आधार पर चीजें सामने आने के बाद एनएसए या गैंगस्टर लगाने की कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी. इसके साथ ही आरोपियों के बैंक एकाउंट्स की डिटेल्स भी निकाली जा रही है. इस मामले में पुलिस ने मदरसे के प्रबंधक से पूछताछ की है और पूछताछ में पता लगा है कि बिहार, बंगाल और उड़ीसा के लोग भी इस मदरसे में रहते थे. मदरसे के देखरेख करने वाले मौलवी ने बताया कि प्रिंसिपल ने अपने कमरे में हर किसी के जाने पर रोक लगा रखी थी. बिना पूछे उनके ऊपर कमरे में कोई नहीं जाता था.
ऐसे छापे जाते थे 100 रुपये के जाली नोट
प्रयागराज पुलिस के मुताबिक यह मदरसा पिछले कई महीनों से नकली नोट छापने का अड्डा बना हुआ था. यहां सिर्फ 100-100 रुपये के ही नोट छापे जाते थे. प्रयागराज के डीसीपी सिटी दीपक भूकर के मुताबिक नकली नोट छापने और इसे बाजार में खपाने के गोरख धंधे में मदरसे का कार्यवाहक प्रिंसिपल भी शामिल था. उसने नकली नोट छापने वालों को मदरसे का एक कमरा दे रखा था. इसके बदले वह मोटा कमीशन लेता था.
प्रयागराज पुलिस के अफसरो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि गिरोह में फिलहाल चार लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है. यह लोग 100 रुपये की नोट हाई क्वालिटी के स्कैनर पर स्कैन करते थे. इसके बाद इसे A4 साइज के पेपर पर प्रिंट किया जाता था. नोट असली लगे, इसके लिए इस पर ग्रीन कलर का सेलो टेप लगाया जाता था. ज्यादातर नोटों के नंबर एक ही होते थे. गिरोह के लोगों ने पहले कुछ दिनों तक खुद ही नकली नोट बाजार में खपाए थे. इसके बाद इन्होंने कुछ दूसरे लोगों से कमीशन पर देने का सौदा तय किया था. एक असली नोट के बदले तीन नकली नोट दिए जाने का सौदा तय किया जा रहा था.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने की पुलिस ने मुखबरी की सूचना पर दो लोगों को बस स्टैंड के पास से पकड़ा तो पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ. इनकी निशानदेही पर मदरसे में छापेमारी कर वहां से कार्यवाहक प्रिंसिपल मोहम्मद तफ़सीरुल आफरीन और मास्टरमाइंड जाहिर खान की गिरफ्तारी हुई थी. जाहिर खान इसी मदरसे का स्टूडेंट था. तफ़्सीरुल और जहीर दोनों ही मूल रूप से उड़ीसा के रहने वाले हैं. इनके अलावा गिरफ्तार किए गए दो अन्य युवक अफजल और शाहिद प्रयागराज के रहने वाले हैं. यह दोनों भी इसी मदरसे में पढ़ते थे.
पुलिस ने मदरसे में छापेमारी के बाद वहां से 1 लाख तीस हज़ार रुपये कीमत के 100-100 रुपये के 1300 नकली नोट बरामद किए हैं. इसके अलावा स्कैनर-प्रिंटर व नकली नोट तैयार करने में मददगार अन्य सामाग्रियां भी मिली हैं. डीसीपी सिटी दीपक भूकर के मुताबिक यह लोग इतनी सफाई से नकली नोट तैयार करते थे कि किसी को शक नहीं होता था. यह लोग जानबूझकर सौ रुपये के ही नोट इसलिए छापते थे, ताकि वह आसानी से बाजार में खप जाएं. मदरसे में नकली नोट छापे जाने के इस खुलासे को प्रयागराज पुलिस बड़ी कामयाबी मान रही है. पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, अब जल्द ही इन्हें कस्टडी रिमांड में लेकर इनके पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश की जाएगी. इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस के खुलासे के बाद दूसरी बड़ी एजेंसियां भी अलर्ट हो गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि दूसरी एजेंसियां भी इस मामले में छानबीन कर सकती हैं.