Madhya Pradesh: गढ़वा थाना क्षेत्र के राजावर गांव के चर्चित जमीन विवाद की परिणति में हुए हत्याकांड के अभियुक्तों को पंचम अपर सत्र न्यायाधीश देवसर सोनल चौरसिया की न्यायालय ने आजीवन करावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने हत्या के सभी सातों अभियुक्तों घुरहू केवट, धर्मराज उर्फ बबलू केवट, दशवंती केवट, रमाकांत केवट, लाला केवट, रविशंकर उर्फ ददन केवट तथा सोनू उर्फ राकेश केवट को भारतीय दंड सहिता की धारा 302 / 149 के तहत आजीवन करावास की सजा सहित प्रत्येक पर 65 हजार रुपये का अर्थदंड अधिरोपित किया है, न्यायालय ने इसी तरह सभी अभियुक्तों को भादंसं की धारा 450 एवं धारा 148 के तहत भी क्रमशः दस वर्ष का सश्रम करावास एवं तीन वर्ष के कारावास सहित अर्थदंड की सजा सुनाई है.
4 लाख 55 हजार क्षतिपूर्ति
न्यायालय ने फैसले में यह भी उल्लेख किया है कि मृतक राजेश केवट गरीब परिवेश का होने के साथ ही उसकी उम्र कम थी. यदि वह जीवित रहता तो अपने माता-पिता का भरण-पोषण करता. उसकी मृत्यु के कारण उसके माता-पिता उसकी सेवा से वंचित रह गये। जिसकी क्षतिपूर्ति आवश्यक है. लिहाजा अभियुक्तों द्वारा जमा की जानेवाली अर्थदंड की कुल राशि 4 लाख 55 हजार मृतक राजेश के पिता शिवबालक केवट को अपील अवधि पश्चात प्रदान की जाये. गौरतलब है कि, गढ़वा के राजावर गांव में जमीन को लेकर साल 2020 के जुलाई माह में मृतक राजेश केवट और धुरहू व अन्य के बीच विवाद हुआ था, इसी दौरान धुरहू व उसके परिजनों ने मिलकर राजेश की कनपटी पर कट्टे से फायर कर मौत के घाट उतार दिया था.
पुलिस के साक्ष्यों व विवेचना सेमिली सजा
हत्या के मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने सभी साक्ष्यों और मामले की विवेचना गंभीरता से की और सबूत व प्रत्यक्षदर्शी गवाहों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया. एसपी मनीष खत्री के निर्देश पर गढ़वा थाना प्रभारी अनिल पटेल ने मामले में हर पहूल का विधि अनुरूप ध्यान रखा. अभियोजन की ओर से मामले में अपर लोक अभियोजन अधिकारी मार्कडेय मणि त्रिपाठी ने तार्किक ढंग से पक्ष रखा. उन्होंने न्यायालय से इस गंभीर मामले के आरोपियों को कठोर सजा दिये जाने की मांग भी की थी.