मध्य प्रदेश : डबरा के रजिस्ट्रार कार्यालय में एक बड़ा मामला देखने को मिला जहाँ पर एक दंपति ने रजिस्ट्रार और उनके ऑफिस में काम करने वाले बाबू पर गलत और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी रजिस्ट्री करवाने के गंभीर आरोप लगाए हैं. इस मामले को लेकर कई घंटे तक रजिस्टार कार्यालय में पीड़ित दंपत्ति चिल्ला-चिल्ला कर रजिस्ट्रार ऑफिस के बाहर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री न करने की गुहार भी लगाता नजर आया मामले को बढ़ते देख रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई इतना ही नहीं वहां पुलिस भी पहुंच गई.
वहीं इस मामले को लेकर फरियादी कल्याण सिंह और उसकी पत्नी कुसुम निवासी चक बीजपुर वार्ड क्रमांक 2 ने बताया कि, उनकी पांच बीघा जमीन बीजपुर दो नंबर वार्ड में पड़ी हुई है जो कि, उनकी पुश्तैनी जमीन है और उसकी रजिस्ट्री भी उनके पास है लेकिन शीशपाल सिंह नामक युवक के द्वारा गलत दस्तावेज लगाकर उनकी जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करवाई जा रही है फरियादी दंपति ने बताया की, वह बहुत गरीब है और उस जमीन पर उनका घर भी है. और दबंगों द्वारा उन्हें धमकाया भी जा रहा है फरियादी दंपति ने रजिस्ट्रार और उनके बाबू पर रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि रजिस्ट्रार और उनके बाबू महेंद्र के द्वारा रजिस्ट्री को रुकवाने के लिए किसी व्यक्ति से फोन लगवा कर उनसे पैसों की भी मांग की गई है.
जिसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग उनके पास है फरियादी ने बताया वह भूखे प्यासे लगभग एक हफ्ते से रजिस्ट्रार ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनकी फरियाद कोई नहीं सुन रहा और जब उन्होंने इस फर्जी रजिस्ट्री के संबंध में रजिस्ट्रार को बताया तो रजिस्ट्रार ने कहा कि यह सब उनके हाथ में है वह चाहें तो रजिस्ट्री कर सकते हैं और चाहे तो नहीं भी कर सकते जब फरियादी दंपति ने डबरा एसडीएम और तहसीलदार से इसकी शिकायत की जिसके बाद डबरा एसडीएम और तहसीलदार द्वारा रजिस्ट्री की प्रक्रिया फिलहाल रुकवा दी गई है इस संबंध में उन्होंने कोर्ट में भी प्रकरण लगा दिया है.
वहीं जब इस मामले पर डबरा रजिस्ट्रार से मीडिया द्वारा पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनके द्वारा रजिस्ट्री करने के लिए एक स्लॉट बुक किया गया था जिसे विवाद की स्थिति होते देख अभी कैंसिल कर दिया गया है डबरा एसडीएम के हस्तक्षेप के बाद यह रजिस्ट्री की प्रक्रिया रोक दी गई है। वहीं जब रजिस्ट्रार से स्टॉल नंबर पूछा गया तो उनके द्वारा मीडिया को कैंसिल किया गया स्टॉल नंबर भी नहीं बताया। गया इतना ही नहीं जब मीडिया द्वारा उनसे फरियादी के पास जो पैसे मांगने की कॉल रिकॉर्डिंग थी उसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस बात से भी साफ इनकार कर दिया, और जब मीडिया द्वारा रजिस्ट्री होने से पहले संबंधित दस्तावेजों की पुष्टि करने के संबंध में रजिस्ट्रार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री से पहले वह सभी दस्तावेजों की जांच करते हैं.
तो अब सवाल यह पैदा होता है कि अगर सभी दस्तावेजों की जांच रजिस्ट्री होने से पहले रजिस्ट्रार द्वारा की जाती है तो फिर इस तरह के फर्जी रजिस्ट्री के मामले कैसे सामने आ रहे हैं. इस तरह के मामलों को देखने के बाद डबरा रजिस्ट्रार पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि ऐसा मामला पहली बार नहीं है बल्कि पहले भी फर्जी रजिस्ट्रियों के ऐसे मामले सामने आ चुके हैं.
अब देखना यह होगा कि, आगे इस मामले में क्या मोड़ आता है क्या वरिष्ठ अधिकारी इस पर संज्ञान लेंगे या फिर पीड़ित गरीब दंपति इसी तरह न्याय के लिए भटकता रहेगा.