Vayam Bharat

मध्यप्रदेश विधानसभा मानसून सत्र: विपक्ष की घेराबंदी, सरकार की किलाबंदी, हंगामे के आसार

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 1 जुलाई से शुरू हो रहा है। इससे पहले सत्तापक्ष और विपक्ष ने तैयारी शुरू कर दी है। एक और जहां मोहन सरकार को घेरने के लिए विपक्षी कांग्रेस प्रदेश की जनता से जानकारी जुटा रही है, तो दूसरी तरफ विपक्षी हमलों को बोथरा साबित करने के लिए शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शीर्षस्थ अधिकारीयों के साथ बैठक कर सभी विभागों की जानकारी ली, ताकि सदन में भी उनकी सरकार का प्रदर्शन शानदार रहे।

Advertisement

यही नहीं, विपक्ष के नहले पर दहला मारने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विधानसभा के आगामी सत्र के लिए विभाग और विभागाध्यक्ष प्रश्नों के उत्तर भेजने के साथ ही विभागीय उपलब्धियों का विवरण भी तैयार रखें। विधानसभा एक ऐसा माध्यम है, जहां शासन के श्रेष्ठ कार्यों की जानकारी दिए जाने से आमजन तक भी महत्वपूर्ण सूचनाएं पहुंच जाती हैं।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि विधानसभा सदस्यों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर समय-सीमा में भेजे जाएं। उत्तर के रूप में भेजी गई जानकारी भी संपूर्ण एवं प्रासंगिक होना चाहिए। इसी तरह जनकल्याण से जुड़ी राज्य शासन की प्राथमिकताओं का ब्यौरा भी इसमें शामिल होना चाहिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालयीन सभाकक्ष में आगामी एक जुलाई से प्रारंभ हो रहे मध्यप्रदेश विधानसभा के सत्र की तैयारियों की विभागवार समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को सत्र के संबंध में शासन स्तर पर की जाने वाली कार्यवाही के संबंध में आवश्यक निर्देश भी दिए। बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव संसदीय कार्य विभाग के.सी. गुप्ता, प्रमुख सचिव विधानसभा ए.पी. सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय संजय कुमार शुक्ला और राघवेन्द्र कुमार सिंह, प्रमुख सचिव जनसंपर्क एवं विमानन संदीप यादव सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सिंघार ने सरकार को घेरा
आईएएस अफसरों की गुरुवार रात जारी हुई तबादला सूची पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार को घेरा है। सिंघार ने एक्स पर लिखा 6 करोड़ पौधों के रोपण के घोटाले के सरगना आईएएस अफसर को फिर वन महकमे की कमान सौंपी गई है। उन्होंने लिखा है कि शिवराज सरकार में जो गलती हुई है वही अब मोहन यादव सरकार दोहराने जा रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने एक बयान में भी प्रदेश में हुए अधिकारियों के ट्रांसफर पर कहा कि यह सरकार का अधिकार है कि किस अधिकारी को कहां रखना है लेकिन सरकार को यह सोचना चाहिए कि जो अधिकारी भ्रष्ट है, क्या उन्हें अपने आसपास रखना चाहिए या नहीं। भ्रष्टाचारी अधिकारियों की सूची हम विधानसभा में जारी करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा घोषणाएं केवल चुनाव के समय करती है। इसके बाद घोषणाओं को भूल जाती है। सरकार बने 6 माह से ज्यादा का समय हो गया, अब तक लाडली बहना योजना की राशि नहीं बढ़ी है।

Advertisements