Madhya Pradesh: नगर परिषद मऊगंज की लापरवाही और अतिक्रमणकारियों की दबंगई ने वार्ड क्रमांक-3 के नागरिकों की सांसें अटका दी हैं. पशु-चिकित्सालय (बिटनरी परिसर) जलभराव का शिकार होकर एक तालाब में तब्दील हो चुका है. इस जलसंकट का मुख्य कारण नाली और सड़क पर अतिक्रमण है, जिससे पानी की निकासी पूरी तरह बंद हो गई है.
स्थिति इतनी बदतर है कि मवेशियों का इलाज कराने आने वाले पशुपालक अब अस्पताल की ओर रुख नहीं कर पा रहे। परिसर में खड़े बदबूदार और गंदे पानी से स्कूल जाने वाले बच्चों की जान भी हर रोज जोखिम में पड़ रही है.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
बीते शनिवार को एक बड़ा हादसा उस समय टल गया, जब टीकाकरण के लिए वैक्सीन लेकर आई सरकारी गाड़ी पानी में बुरी तरह फंस गई। फिसलन की वजह से वाहन पलटने को था, जिसे कर्मचारियों ने घंटों की मशक्कत से बाहर निकाला। इस घटना ने अस्पताल कर्मचारियों और वार्ड वासियों के बीच डर का माहौल और गहरा कर दिया है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि वार्ड क्रमांक-3 की यह मुख्य सड़क पूरी तरह डूब चुकी है। नाली में अतिक्रमण कर जलनिकासी को अवरुद्ध कर दिया गया है, जिससे सड़क और चिकित्सालय परिसर में लगातार पानी जमा हो रहा है। बच्चों को रोज इसी कीचड़ और फिसलन से गुजरकर स्कूल जाना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि नगर परिषद के अध्यक्ष और सीएमओ विधायक के करीबी माने जाते हैं, फिर भी यह समस्या उनके संज्ञान में होने के बावजूद अनदेखी की जा रही है। जबकि यही जानलेवा जलभराव विधायक प्रदीप पटेल के आवास के सामने मौजूद है.
वार्डवासियों और अस्पताल कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर और विधायक से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि नगर परिषद अतिक्रमणकारियों के दबाव में काम नहीं कर पा रही और शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही.
लोगों ने चेताया है कि यदि समय रहते समस्या का हल नहीं निकाला गया तो यह जानलेवा स्थिति एक बड़े हादसे का कारण बन सकती है। तब इसकी पूरी जिम्मेदारी नगर परिषद और प्रशासन की होगी.