भारत से जापान भेजी जाएगी छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा, टोक्यो में होगी स्थापित, 12 राज्यों में निकल रही रथयात्रा

छत्रपति शिवाजी की विशाल प्रतिमा जापान की राजधानी टोक्यो में स्थापित की जाएगी. इस प्रतिमा को वहां भेजने से पहले शिव स्वराज रथयात्रा निकाली जा रही है. यह रथयात्रा 12 राज्यों मे 8500 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. रथयात्रा बृहस्पतिवार को ग्वालियर पहुंच गई. जापान में प्रतिमा की स्थापना और अनावरण 18 मार्च को किया जाएगा.

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शिव स्वराज रथयात्रा 16 जनवरी को पुणे से आरंभ हुई थी. छत्रपति शिवाजी की अश्वारोही प्रतिमा के साथ रथयात्रा ग्वालियर पहुंची, जहां महाराज बाड़ा पर मराठा सोशल ग्रुप ग्वालियर ने जलाभिषेक कर आरती उतारी.

देशभर में घुमाई जा रही प्रतिमा

देश के बाहर लगनी वाली छत्रपति शिवाजी की यह पहली प्रतिमा होगी. इसे जापान रवाना करने से पहले देश के बारह राज्यों में घुमाया जा रहा है, जो देशभर में 8500 किमी से ज्यादा की यात्रा तय करेगी. रथयात्रा का मकसद युवा पीढ़ी को शिवाजी के बारे में बताना है.

यात्रा में शामिल चार सदस्यीय दल की अगुआई संयोजक उत्तम राव मांढरे कर रहे हैं. पुणे में यात्रा को शिवाजी के वंशज उदयन राजभौंसले ने रवाना किया था.

7 लाख रुपये से बनी प्रतिमा

इस अवसर पर यात्रा संयोजक मांढरे ने बताया कि अश्वारोगी प्रतिमा 7 लाख रुपए की लागत से तैयार हुई है. इसके लिए समाज के लोगों ने दस से लेकर सौ और हजार रुपए तक का सहयोग किया है.

जापान में भी भारतीय मूल के राजनयिक योगेंद्र पुराणिक इसकी स्थापना में सहयोग कर रहे हैं. यात्रा का समापन मुंबई में होगा, जहां राज्यपाल और मुख्यमंत्री इसे जापान के लिए रवाना करेंगे.

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