Madhya Pradesh: मऊगंज जिले के हनुमना में कलेक्टर ने मंगलवार को औचक निरीक्षण कर सीएम हेल्पलाइन में लंबित प्रकरणों की समीक्षा की और राजस्व एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर सख्त निर्देश दिए, उन्होंने स्पष्ट कहा कि शिकायतों का त्वरित और प्रभावी समाधान प्राथमिकता है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
मऊगंज जिला, जो हाल ही में रीवा से अलग होकर अस्तित्व में आया है, सीएम हेल्पलाइन में पेंडिंग मामलों के मामले में प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में पीछे चल रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण नवनिर्मित जिले में विभागीय स्टाफ की कमी है, राजस्व, पंचायत, पुलिस बल और अन्य विभागों में अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या सीमित होने के कारण कई प्रशासनिक कार्यों में विलंब हो रहा है.
कलेक्टर ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेंडिंग शिकायतों का तत्काल निपटारा किया जाए और जनता की समस्याओं का समय पर समाधान सुनिश्चित किया जाए, उन्होंने कहा कि मऊगंज जिला नया जरूर है, लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करना हम सभी की जिम्मेदारी है.
गौरतलब है कि वर्तमान में मऊगंज के अधिकतर विभाग रीवा से संचालित हो रहे हैं, केवल डीएम, एसपी और महिला बाल विकास विभाग को छोड़कर अन्य विभागों की सभी प्रमुख व्यवस्थाएं रीवा से ही नियंत्रित की जा रही हैं, जिससे कार्यप्रणाली में बाधा आ रही है.
कलेक्टर ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि, प्रशासन की छवि जनता की संतुष्टि से जुड़ी है, और इसमें किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
इस निरीक्षण के बाद मऊगंज प्रशासनिक अमले में हलचल मच गई है, अब देखना यह होगा कि, कलेक्टर के सख्त रुख के बाद सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण की गति कितनी तेज होती है.