Madhya Pradesh: रीवा में प्रभारी मंत्री की बैठक में सेमरिया से कांग्रेस विधायक को शामिल नहीं किया गया, जिससे विवाद खड़ा हो गया. सर्किट हाउस में आयोजित इस बैठक में भाजपा के सभी विधायक, जिलाध्यक्ष और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए, लेकिन कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा को आमंत्रण नहीं दिया गया.
इस स्थिति से नाराज होकर अभय मिश्रा ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा और अन्य पदाधिकारियों के साथ सर्किट हाउस के बाहर जमीन पर बैठकर विरोध दर्ज कराया। विधायक ने आरोप लगाया कि उन्हें बैठक में शामिल नहीं होने दिया गया, जबकि यह बैठक शासकीय कार्यों पर चर्चा के लिए थी। उन्होंने कहा कि “जनता के चुने हुए प्रतिनिधि होने के नाते हमारा यह अधिकार है कि हम जनता की समस्याएं सरकार के सामने रखें.”
विधायक का आरोप और मंत्री की सफाई
अभय मिश्रा ने इस मुद्दे पर कहा, “अगर प्रदेश की स्थानांतरण नीति पर चर्चा हो रही है, तो उसमें सभी विधायकों की भागीदारी अनिवार्य होनी चाहिए। रीवा के प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल ने हमें बैठक से बाहर रखा, जो कि लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन है।” उन्होंने प्रशासन पर निर्देशों का पालन करने का आरोप लगाया.
दूसरी ओर, प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल ने सफाई देते हुए कहा कि यह भाजपा की कोर कमेटी की बैठक थी, जिसमें केवल पार्टी के सदस्यों को शामिल किया गया. उन्होंने कांग्रेस विधायक के आरोपों को खारिज कर दिया.
विरोध प्रदर्शन और पुलिस बल की तैनाती
बैठक स्थल के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया था. अभय मिश्रा और उनके समर्थक बैठक के दौरान जमीन पर बैठकर प्रदर्शन करते रहे.विधायक ने कहा कि विपक्ष के नेताओं को शासकीय मंचों से वंचित करना लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष के मंच छीनने का प्रयास कर रही है.