दमोह जिले के जबेरा ब्लॉक के सिंग्रामपुर क्षेत्र के ककहरा कॉलोनी में रहवासी तालाब में पिछले एक सप्ताह से दहशत फैला रहा मगरमच्छ आखिरकार पिंजरे में कैद हो गया, जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. पांच फीट लंबे इस मगरमच्छ ने अब तक एक बछड़े और एक बकरी को अपना शिकार बना लिया था, जिससे पूरे गांव में भय का माहौल था. लोग तालाब की ओर जाने से डरने लगे थे.
घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग ने तालाब के पास पिंजरा लगाया और मगरमच्छ को फंसाने के लिए चारे के रूप में मांस रखा गया. शनिवार सुबह वह खाने के लालच में पिंजरे में फंस गया. डिप्टी रेंजर प्रवीण तिवारी ने बताया कि रेंजर मनीष पटेल के नेतृत्व में गठित टीम कई दिनों से रेस्क्यू अभियान चला रही थी. लगातार निगरानी और अथक प्रयासों के बाद मगरमच्छ को पकड़ने में सफलता मिली, क्योंकि हल्की सी आहट होते ही वह पानी में चला जाता था.
वन विभाग के अनुसार, पकड़े गए मगरमच्छ को भोपाल के वन विहार में छोड़ा जाएगा. रेस्क्यू अभियान में रेंजर मनीष पटेल, डिप्टी रेंजर प्रवीण तिवारी और अन्य वनकर्मी मौजूद रहे. गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले यही मगरमच्छ गंगाराम रजक की बकरी को पानी में खींचकर ले गया था और एक बछड़े का भी शिकार किया था. घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल था. मगरमच्छ के पकड़े जाने के बाद अब लोगों ने राहत की सांस ली है.
ब्यारमा नदी से पकड़े गए चार मगरमच्छ
इससे पहले नोहटा थाना क्षेत्र से निकली ब्यारमा नदी से वन विभाग ने चार मगरमच्छ पकड़े थे. यहां मगरमच्छ के हमले में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. ब्यारमा नदी में मगरमच्छों की संख्या काफी अधिक है, जिससे इस क्षेत्र में दहशत अभी भी बनी हुई है.