मध्य प्रदेश: 45 दिन बाद ज़मीन से निकलवाई गई लाश, मृतक के बेटे ने जताई थी हत्या की आशंका

मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक युवक ने 45 दिन बाद अपने पिता का शव कब्र से बाहर निकलवाया है, उसके बेटे को आशंका है कि उसके पिता की मौत हार्ट अटैक से नहीं बल्कि उसके पिता की हत्या हुई है, बेटे की शिकायत पर पुलिस ने एसडीएम से अनुमति लेने के बाद शव को बाहर निकलवाया और पोस्टमॉर्टम के लिए जबलपुर के मेडिकल अस्पताल भिजवाया गया जहां आप पुलिस पीएम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है.

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पीएम रिपोर्ट में होगा मौत का खुलासा
पुलिस अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है, 6 मार्च को यहां रहने वाले भूरा सिंह (55) की मौत के बाद उसके शव को परिवार और ग्रामीणों ने दफना दिया था, इसी दिन भूरा सिंह का अपने छोटे भाई भाग राम सिंह के साथ घर के बाहर बाड़ी लगाने को लेकर विवाद हुआ था। बहस के दौरान बड़े भाई तेज सिंह ने दोनों को अलग करवाया। कुछ ही देर बाद फिर से भूरा सिंह और भाग राम का विवाद होने लगा, विवाद के थोड़ी देर बाद घर के बाहर भूरा सिंह जमीन पर पड़ा हुआ मिला। बड़े भाई तेज सिंह ने तुरंत गांव के लोगों को बुलाया, लेकिन तब तक भूरा सिंह की मौत हो चुकी थी.

पुलिस से मिली जानकारी 
जबलपुर में कुड़म के ग्राम मेहगांव में 45 दिनों से कब्र में दफन भूरे सिंह की लाश को खोद कर बाहर निकाला गया, दरअसल अपने भाई भागचंद से हुए विवाद के दौरान भूरे सिंह की मौत हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार करते हुए उसे जमीन में दफन कर दिया था. मृतक भूरे सिंह का बेटा मनोज जब गुजरात से जबलपुर वापिस लौटा तो उसने इस मामले में हत्या का शक जताया और उसने एसडीएम और अन्य उच्च अधिकारियों को पूरे मामले की गहराई से जांच करने का आवेदन दिया.

अनुमति मिलने के बाद जमीन खोदकर निकला शव,

एसडीएम की अनुमति के बाद 45 दिनों से दफन भूरे सिंह की लाश को खोदकर बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया, मृतक भूरे सिंह की अपने छोटे भाई भागचंद से जमीन के विवाद को लेकर रंजिश चली आ रही थी जिसके चलते दोनों के बीच हाथापाई हुई थी जिसमे भूरे की मौत हो गई थी, परिजनों ने हार्ट अटैक से मौत मानकर लाश को दफना दिया था. परिजनों ने मृतक का अंतिम संस्कार तो कर दिया था लेकिन वे अब भी नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर मौत कैसे हुई थी.

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