मध्यप्रदेश के उमरिया जिले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, सोन नदी के पास एक नन्हे हाथी का कंकाल और चमड़ा बरामद किया गया. बताया जा रहा है कि, यह घटना वन क्षेत्र पनपथा कोर में हुई, जहाँ यह बच्चा दलदल में फंसकर डूब गया और मगरमच्छों का शिकार बन गया. इसके बाद, अन्य मांसाहारी जीवों ने इसके अवशेष नदी किनारे खींच लिए.
हालांकि, सवाल यह उठता है कि वन विभाग इस घटना को रोकने के लिए क्या कर रहा था? क्या यह महज एक प्राकृतिक दुर्घटना थी, या फिर विभाग की लापरवाही का नतीजा? बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व वन्यजीव संरक्षण के लिए जाना जाता है, लेकिन इस घटना ने वहां की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अगर हाथियों के नदी पार करने के इस स्थान पर गश्त होती, तो शायद इस नन्हे हाथी को बचाया जा सकता था.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
वन विभाग ने घटना की सूचना मिलते ही एनटीसीए (नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) और भोपाल मुख्यालय को सूचित कर त्वरित कार्रवाई की. पोस्टमार्टम विशेषज्ञों ने जांच की, जिसके बाद अवशेषों का अंतिम संस्कार किया गया. घटना स्थल की वीडियोग्राफी भी की गई और अपराध प्रकरण दर्ज कर आगे की कार्रवाई जारी है. लेकिन असली सवाल यह है कि जब यह क्षेत्र हाथियों के नदी पार करने का प्रमुख स्थान था, तो वहां निगरानी क्यों नहीं थी? क्या वन विभाग को पहले से सतर्क नहीं रहना चाहिए था?
यह घटना वन्यजीव संरक्षण की विफलता को दर्शाती है. अगर वन विभाग की सक्रियता अधिक होती, तो शायद यह मासूम हाथी आज जिंदा होता. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस त्रासदी से कोई सबक लिया जाएगा या फिर यह भी सिर्फ एक और फाइल बनकर रह जाएगी!