Madhya Pradesh: सीधी जिले को एक अलग संभाग बनाने की मांग को लेकर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने गुरुवार दोपहर कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा, शिवसेना के जिलाध्यक्ष बेनाम सिंह के नेतृत्व में यह मांग उठाई गई कि सीधी को संभाग का दर्जा मिलने से क्षेत्र का विकास तेज होगा और प्रशासनिक लाभ मिलेगा.
ज्ञापन सौंपते हुए बेनाम सिंह ने कहा कि सीधी को संभाग बनाने से कई लाभ होंगे, जिनमें शामिल हैं:
1. प्रशासनिक सुधार – संभाग बनने से जिले के प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी और स्थानीय स्तर पर फैसले प्रभावी ढंग से लिए जा सकेंगे।
2. विकास कार्यों में तेजी – अलग संभाग बनने से क्षेत्रीय विकास योजनाओं को प्राथमिकता मिलेगी।
3. योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन – केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को स्थानीय जरूरतों के अनुसार लागू करना आसान होगा।
4. आर्थिक और सामाजिक विकास – नए प्रशासनिक केंद्र से निवेश और व्यापार की संभावनाएं बढ़ेंगी।
5. कानून-व्यवस्था में सुधार – प्रशासनिक अधिकारियों की संख्या बढ़ने से सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी।
6. जनप्रतिनिधित्व में वृद्धि – नागरिकों की समस्याओं के समाधान में तेजी आएगी।
क्या है सीधी को संभाग बनाने की मांग का आधार?
सीधी जिले के नागरिक और जनप्रतिनिधि लंबे समय से इसे संभाग बनाने की मांग कर रहे हैं, वर्तमान में रीवा संभाग में शामिल सीधी को यदि अलग संभाग बनाया जाता है, तो यह जिले की भौगोलिक और प्रशासनिक जरूरतों के अनुरूप होगा.
शिवसेना कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से इस मांग को सरकार तक पहुंचाने की अपील की है, उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। अब देखना होगा कि सरकार इस मांग पर क्या कदम उठाती है.